बांका लाइव ब्यूरो / कटोरिया : बिहार के बांका जिले में ग्रामीण इलाकों की अधिकतर आबादी 21 वीं सदी में भी अंधविश्वास के दौर में जी रही है। यहां सर्पदंश से पीड़ित अधिकतर लोगों का इलाज परिजन अस्पताल में करने की वजह झाड़-फूंक करने वाले ओझाओं से कर रहे हैं। जिसके चलते सर्पदंश से पीड़ित अधिकतर लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।
ऐसे कई मामले बरसात के दिनों में देखने को मिल जाते हैं। क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश की सुई उपलब्ध होते हुए लोगों की जान नहीं बच पाती है। जागरूकता के अभाव में लोग अस्पताल जाने के बजाय तांत्रिक या ओझा के पास जाना उचित समझते हैं। दुखद बात है कि इन लोगों को जागरूक करने के लिए भी कोई अभियान नहीं चलाया जाता है।
शुक्रवार को तांत्रिक से झाड़- फूंक के चक्कर में सुईया थाना क्षेत्र के लोहटनियां गांव की एक 27 वर्षीय महिला को जान गंवानी पड़ी। मृतका गांव के शिवनारायण दास की पत्नी कविता देवी बताई गई है। जानकारी के अनुसार उक्त महिला शुक्रवार को अपने खपरैल घर के कमरे की सफाई कर रही थी। सफाई के दौरान एक बोरी के नीचे छिपकर बैठे विषैले सांप ने महिला को डस लिया।
हो- हल्ला करने पर परिजन महिला को क्षेत्र के ही एक तांत्रिक के पास ले गए। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने पर महिला को इलाज के लिए कटोरिया रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सक दीपक भगत ने जांच कर महिला को मृत घोषित कर दिया। फिलहाल इस घटना से मृतका के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
इधर इस घटना से दो मासूम बच्चों से उनकी मां की ममता हमेशा के लिए दूर हो गई। मृतका का एक छह वर्ष का बेटा एवं दो वर्ष की एक बेटी है। शुक्रवार को महिला शव जब अस्पताल से घर पहुंचा तो पूरा गांव बच्चों के रुदन एवं महिलाओं के करुण क्रंदन से गूंज उठा। बेटा जहां अपनी मां को उठाने की कोशिश कर रहा था। वहीं बेटी मां की ममता के लिए बिलख रही थी। बच्चों को देखकर मौके पर मौजूद सभी की आंखें छलछला उठी। सबकी जुबान पर बस बच्चों की परवरिश की चिंता है।