बांका लाइव ब्यूरो : बिहार के बांका जिले में कुछ हादसे हो जाते हैं तो कुछ के पीछे मानव जनित कारण होते हैं। शनिवार को इस जिले में एक ऐसे ही हादसे की मिसाल सामने आई जो सामान्य स्थितियों में नहीं हुआ। इस हादसे में एक ट्रक मुख्य मार्ग पर पलट गया जिसके नीचे दब जाने से चालक और खलासी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इस हादसे की वजह से बांका जिले की इस सर्वाधिक व्यस्त एवं प्रमुख सड़क पर काफी देर के लिए यातायात अवरूद्ध हो गया।
मामला बालू के कारोबार से जुड़ा है। बताया गया कि झारखंड के हंसडीहा की ओर से शनिवार की सुबह बालू लोड एक ट्रक भागलपुर की ओर जा रहा था। इस ट्रक का कुछ लोगों ने अपने वाहन से पीछा किया। चालक ने डर कर तेजी से ट्रक को भगाने के लिए दौड़ा दिया। इसी भागदौड़ के दौरान ट्रक चालक का नियंत्रण स्टीयरिंग पर से खो गया और ट्रक सड़क पर ही पलट गया। यह हादसा इतनी जल्दी हुआ कि चालक और खलासी भी बच कर निकल नहीं पाए। वे ट्रक के नीचे दब कर गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह घटना भागलपुर हंसडीहा मार्ग पर बौंसी थाना अंतर्गत डहुआ गांव के पास हुई। हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में घटनास्थल की ओर दौड़े और भारी मशक्कत के बाद किसी तरह चालक और खलासी को ट्रक के नीचे से निकाला। इस बीच पुलिस को भी खबर दी गई। खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। क्षेत्र के ग्रामीण जो घटनास्थल पर मौजूद थे, इस बात को लेकर आक्रोशित थे कि इस मार्ग पर और वह भी डहुआ मोड़ के आसपास अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे उन लोगों का जीवन भी घोर असुरक्षित है।
इस बीच बताया जा रहा है कि झारखंड की ओर से बालू लेकर आ रहे ट्रक का पीछा करने वाले लोग बांका जिले में बालू के कारोबार से जुड़ी एजेंसी के थे। अब वे क्यों ट्रक का पीछा कर रहे थे, यह तो पता नहीं चल पाया, लेकिन लेकिन जब स्थानीय ग्रामीणों ने इस हादसे के बाद उन्हें खदेड़ा तो वे भाग खड़े हुए। इलाके में चल रही चर्चा के मुताबिक बालू ठेका एजेंसी के लोग ही इस क्षेत्र की सड़कों पर बालू कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। बालू के ही कारोबार से जुड़े एक शख्स ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि बांका जिले की एजेंसी चाहती है कि वे उनसे बालू खरीदें। झारखंड की ओर से बालू लेकर आने पर उनके वाहन जप्त कर लिए जाते हैं। उनसे फाइन वसूला जाता है।
जिले के बाराहाट थाना क्षेत्र में कुछ माह पूर्व इसी तरह के एक मामले में एक ट्रक मालिक ने बालू ठेका एजेंसी के लोगों पर एफ आई आर दर्ज कराया था जिसमें कहा गया था कि झारखंड से बालू लाने की वजह से उनके ट्रक को जब्त करते हुए एजेंसी के लोगों ने चालक को मारपीट कर बुरी तरह गंभीर कर दिया। साथ ही उन्हें फाइन भरने के लिए भी मजबूर किया गया। असमर्थता व्यक्त करने पर चालक से रुपए छीन लिए गए। इस मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की, इसका विवरण तो पुलिस ही दे सकती है। बहरहाल, यह क्षेत्राधिकार तो पुलिस, प्रशासन और खनन विभाग का है। बालू ठेका एजेंसी के लोगों को जिले की सड़कों पर प्रशासनिक हनक रखने की इजाजत कहां से मिली? यह सवाल यहां के आम अवाम की जेहन में है।