BANKA : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आबोहवा में कायम वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति देशभर में चर्चा और चिंता का विषय बनी हुई है। लेकिन दिल्ली से दूर बांका जैसे ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले क्षेत्र में भी वायु प्रदूषण की स्थिति दिल्ली के मुकाबले कम खतरनाक नहीं है। हालांकि ना इस क्षेत्र के लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही प्रशासनिक महकमा इस संकट को लेकर गंभीर है।
बांका तथा आसपास के इलाके में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर और खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। दिवाली के बाद से ही यहां यह स्थिति कायम है। एयर पॉल्यूशन इंडेक्स में यहां पिछले कई दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर 300 से 360 के बीच तैर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार 300 से ज्यादा इंडेक्स बेहद खराब स्थिति मानी जाती है।
खास बात है कि विशेषज्ञ भी इस बात को नहीं समझ पा रहे कि आखिर पहाड़ों, जंगलों और नदियों से आच्छादित ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण की इतनी खतरनाक स्थिति पैदा होने की वजह क्या हो सकती है! अलबत्ता स्थिति यहां खतरनाक बनी हुई है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वायु प्रदूषण की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। लेकिन वे समझ नहीं पा रहे कि उनकी बीमारी की वजह आखिर क्या है!
खतरनाक वायु प्रदूषण की वजह से इस क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से मच्छरों का भी प्रकोप बेहिसाब बढ़ा है। विजिबिलिटी भी काफी खराब है। आज ही दोपहर तक सूरज के लोग दर्शन नहीं कर पाए। हर तरफ घने प्रदूषित कोहरे की चादर लिपटी है। लोग त्राहिमाम हैं, लेकिन किसी भी तबके को इसकी फिक्र फिलहाल नहीं दिख रही। आम लोग जहां इस गंभीर संकट को लेकर निश्चिंत और बेखबर बने हुए हैं, वहीं प्रशासनिक महकमा भी इस संकट से फिलहाल अनजान बना हुआ है।
ज्ञात हो कि एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक के मुताबिक वायु प्रदूषण इंडेक्स 0 से 50 तक अच्छा समझे जाते हैं जबकि 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच सामान्य, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर स्थिति माने जाते हैं। इन मानकों के मुताबिक बांका तथा आसपास के क्षेत्र में पिछले कई दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 400 के बीच होना यहां प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को रेखांकित करता है। अनजाने में आम लोग इस खतरे से भले ही वाकिफ नहीं हों, प्रशासन को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।