बांका लाइव ब्यूरो : जब चलने लायक नहीं रह गई सड़क तो ग्रामीणों ने कर दी धान की रोपाई। जी हां, यह बांका जिले की ताजा खबर है। ग्रामीण अरसे से इस सड़क के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे थे। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से उन्होंने इस सड़क के जीर्णोद्धार की अरदास की। लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इस भरी बरसात में जब सड़क बिल्कुल चलने लायक नहीं रह गई तो आखिरकार उकता कर ग्रामीणों ने इस पर धान की रोपाई कर दी।
बांका जिला अंतर्गत अमरपुर प्रखंड के अमरपुर- चोकर मुख्य मार्ग का है यह मामला, जहां मंगलवार को ग्रामीणों ने एकजुट होकर सड़क पर धान की रोपाई का निर्णय लिया और देखते ही देखते धान की रोपाई कर भी दी।
अमरपुर- चोकर मार्ग अमरपुर बाजार से हटिया होकर ग़ालिमपुर, तारडीह, सलेमपुर और मालदेवचक होते हुए चांदन नदी के किनारे बसे चोकर गांव तक जाती है। इस सड़क से करीब दर्जनभर गांव जुड़े हैं जहां की हजारों की आबादी के लिए आवागमन और यातायात हेतु यही एकमात्र सड़क है।
सड़क की स्थिति इतनी बदतर है कि इसे अब किसी भी हालत में सड़क नहीं कहा जा सकता। यह सड़क तालाब बन चुकी है। बारिश की वजह से सड़क पर बने तालाबनुमा गड्ढों में पानी भरा है। इस सड़क पर चलने वाले लोग अपने जोखिम पर गड्ढों में डूबते उतराते चलने को विवश हैं।
ग्रामीणों को अरसे से इस सड़क के जीर्णोद्धार की आस है। इसके लिए उन्होंने कई बार और बार-बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगाई। लेकिन आज तक उनकी किसी ने नहीं सुनी। अब जबकि इस बदहाल सड़क की वजह से इस क्षेत्र के दर्जन भर गांव टापू बनकर अपने प्रखंड मुख्यालय तक से कट चुके हैं, तब उनकी सब्र का बांध आखिरकार टूट गया।
मंगलवार को सलेमपुर एवं तारडीह पंचायत के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर इस मार्ग पर धान रोप देने का निर्णय लिया और इसके लिए वे सड़क पर उतर आए। उन्होंने सड़क पर जमी कीचड़ और गड्ढों में धान की रोपाई कर दी। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रखंड के बीडीओ एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय विधायक तक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का भी नारा लगाया।
यह आयोजन बाबा दूबे भयहरण सेवा समिति के नेतृत्व में हुआ जिसमें मिथिलेश शर्मा, गौरव सिंह, शुभम चौबे, चंदन मौर्य, मुकेश शर्मा, राजेश जनप्रिय, चितवन पंजियारा, आशुतोष कुशवाहा, मिथुन, राकेश, जयप्रकाश, राजीव आदि बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो इस बार विधानसभा चुनाव में वे वोट का बहिष्कार करेंगे।