बांका लाइव ब्यूरो : बात बांका की है, जहां नालों में बहती रही हजारों लीटर शराब और देखते रहे लोग। पिछले 3 दिनों के भीतर यहां के नालों में करीब 7000 लीटर देसी और विदेशी शराब बहायी गई जिसे पीकर आसपास की जमीन भी मानो नशे में झूम उठी! यह कोई औपन्यासिक कल्पना नहीं, बल्कि एक हकीकत है।

झारखंड की सीमा से लगे बांका जिले में हर माह हजारों लीटर शराब तस्करों के हाथों से जप्त किए जाते हैं, जिन्हें प्रशासन और उत्पाद विभाग को नष्ट करना पड़ता है। पहले जहां कम शराब बरामद होते थे, किसी गड्ढे या कुएं में बोतलों को जेसीबी से तोड़ कर उन्हें दफना दिया जाता था। लेकिन शराब की बेहिसाब बरामदगी ने उन्हें नष्ट करने की पद्धति बदलने पर उत्पाद विभाग को भी मजबूर कर दिया।
लिहाजा अब जप्त किए गए शराब की विपुल राशि को नष्ट करने के लिए ड्रेन आउट सिस्टम का इस्तेमाल बांका जिले में किया जाता है। इस सिस्टम में दर्जनों श्रमिकों की भी सेवा ली जाती है जो बोतलों को तोड़कर शराब नालियों में बहा देते हैं। ऐसे आयोजन तब किए जाते हैं जब बड़ी मात्रा में शराब की खेप जमा हो जाती है।
हाल के महीने में बांका जिले में भारी मात्रा में तस्करी के शराब की बरामदगी हुई। हजारों लीटर शराब इस जिले में बरामद किए गए। दर्जनों केस भी दर्ज हुए। लॉकडाउन के दौरान सूनी सड़कों का फायदा उठाने की कोशिश में शराब तस्कर झारखंड से बांका जिले के रास्ते शराब की तस्करी करने में जुट गए, लेकिन उत्पाद विभाग ने भी चुस्ती दिखाई और कई मामलों में तस्करों की ऐसी की तैसी कर डाली।

बांका जिले में पिछले 3 दिनों के भीतर उत्पाद विभाग की ओर से करीब 6900 लीटर देसी और विदेशी शराब ड्रेन आउट विधि से नष्ट किए गए। इनमें ज्यादातर शराब स्वयं उत्पाद विभाग द्वारा जप्त किए गए थे, जबकि बाकी विभिन्न पुलिस थानों द्वारा अलग-अलग कार्रवाईयों में जप्त किए गए। विगत 3 दिनों में जो शराब नष्ट किया गए, वे जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज 55 कांडों में जप्त किए गए थे।
बांका के उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा के मुताबिक जिलाधिकारी से मिले आदेश के आलोक में अनुमंडल दंडाधिकारी मनोज कुमार चौधरी तथा स्वयं उनकी उपस्थिति में शराब का विनष्टीकरण किया गया। इनमें करीब 1170 लीटर देसी शराब, जबकि बाकी विदेशी शराब शामिल रहे। ड्रेन आउट विधि से विनष्टीकरण के कारण नालियों में घंटों तक शराब बहती रही और लोग देखते रहे।