बांका

BANKA : पुरानी ठाकुरबाड़ी की जमीन से बेदखल किए गए अतिक्रमणकारी, अवैध कब्जे पर चला बुलडोजर

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देखते ही देखते ढहा दिए गए कई आलीशान मकान, ठाकुरबाड़ी के बगीचे से भी हटाए गए अवैध निर्माण

बांका लाइव ब्यूरो : कई दिनों से जारी सख्त हिदायत, चेतावनी और लगातार की जा रही माईकिंग के बाद प्रशासन आज यहां फ्रंट फुट पर था और अतिक्रमण कारी बैकफुट पर। मामला बांका शहर के ऐतिहासिक पुरानी ठाकुरबाड़ी की बेशकीमती जमीन पर किए गए अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने से संबंधित है। भारी संख्या में सशस्त्र बल और बुलडोजर के साथ बुधवार को पूर्वाहन प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और तोड़फोड़ शुरू हो गई।

बांका शहर के ऐतिहासिक पुरानी ठाकुरबाड़ी का बीच शहर में एक बड़ा और बेशकीमती भूखंड है जिस के एक हिस्से पर बगीचा भी है। हालांकि इस बगीचे के ज्यादातर पेड़ अब नष्ट हो चुके हैं फिर भी बड़ी संख्या में पेड़ अब भी यहां मौजूद हैं। कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी की पहल पर इस खाली पड़े भूखंड को सब्जी हाट की शक्ल देकर यहां खुदरा सब्जी विक्रेताओं को खरीद बिक्री के लिए जगह दी गई थी।

शुरू में तो तब भी यहां जगह के लिए मारामारी हुई लेकिन बाद में सब्जी मंडी यहां स्थिर नहीं रह सकी और फिर से सड़क पर सब्जी हाट लगने लगी। इस बीच कुछ बड़े भू माफियाओं और पूंजीपतियों ने यहां अपनी आढ़त का निर्माण कर लिया। कुछ लोग घर बनाकर रहने लगे। कुछ लोगों ने इसी जमीन पर दालान बना लिया। ठाकुरबाड़ी की पूरी जमीन पर कब्जा हो गया। पुरानी ठाकुरबाड़ी बिहार धार्मिक न्यास परिषद के अधीन है।

इस बीच कहा गया कि अंचल और बांका नगर परिषद के बीच एक समझौता भी हुआ जिसके अंतर्गत नगर परिषद इस जमीन का व्यावसायिक उपयोग करेगी और इस से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा पुरानी ठाकुरबड़ी के मैनेजमेंट पर खर्च होगा। हालांकि इधर शहरी सौंदर्यीकरण के सिलसिले में इस जमीन पर विशेष निर्माण कार्य कराए जाने की बात चर्चा में आई और दो सप्ताह पूर्व जमीन की अंचल की ओर से पैमाइश कराई गई।

पैमाइश के बाद ठाकुरबाड़ी की जमीन को चिन्हित किया गया जिस पर किए गए किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को हटाए जाने की सख्त चेतावनी जारी की गई। कई दिनों तक लगातार प्रचार-प्रसार भी किए गए। संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किए गए। 29 जून का डेड लाइन जारी किया गया और अंततः 30 जून को पूरे प्रशासनिक बंदोबस्त के साथ यहां काबिज अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया गया। यह अभियान इतना बड़ा था कि इसे सुचारू रूप से जारी रखने के लिए शहर में बिजली आपूर्ति तक बंद रखी गई।

हालांकि बुधवार को इस अभियान की शुरुआत हुई है। अतिक्रमण मुक्ति में कुछ समय लग सकता है। ठाकुरबाड़ी की जमीन पर अब अब भी कुछ बड़े निर्माण बाकी बचे हुए हैं। झुग्गी झोपड़ियों को हटा दिया गया है। अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत जमुआ पुल के समीप से की गई जहां दशकों से जमे लोगों के घर भी ध्वस्त कर दिए गए। यहां बसे लोगों ने इस जगह को रामगढ़ का नाम दिया था। कल तक ‘रामगढ़’ घर द्वार बसा था। आज यहां मलबे का ढेर है।


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