BANKA LIVE : फर्ज कीजिए, आप 21वीं सदी में हैं और 24 घंटे से बिजली संकट की वजह से अंधेरे में जीने को विवश हैं, तो इसे आप क्या कहेंगे? जबकि इस संकट के समाधान के लिए एक पूरा विभाग है और विभाग के पास अधिकारियों व कर्मचारियों की एक पूरी फौज। प्रभावित लोगों के पूछने पर अधिकारी ‘देख रहे हैं’ और ‘देखेंगे’ जैसे जवाब दे रहे हैं, तो अराजकता और किसे कहते हैं?
यह त्रासदी बांका जिला अंतर्गत शंभूगंज प्रखंड के लोगों की है, जो वह पिछले 24 घंटे से झेल रहे हैं। इस प्रखंड में सोमवार रात 10:00 बजे से ही बिजली नदारद है। कल दिनभर इस क्षेत्र में बारिश हुई, लेकिन बिजली आपूर्ति कायम रही। रात 10:00 बजे एकाएक क्या हो गया कि बिजली गुम हो गई! बताया गया कि कहीं फाल्ट हो गया है। सुबह तक ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, तो लोगों की चिंता बढ़ी।
आज दोपहर होते-होते लोग बिजली संकट के कारण पीने के पानी तक के लिए तरसने लगे। शंभूगंज प्रखंड अंतर्गत छतहार पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि आज दोपहर कनीय अभियंता से उनकी बात हुई। कनीय अभियंता ने कहा कि पावर सबस्टेशन में खराबी नहीं है। ऊपर 33 केवीए तार में कहीं फाल्ट है, जिसे तलाश किया जा रहा है।
बाद में कनीय अभियंता ने बारिश का हवाला देते हुए कहा कि अब तक फाल्ट मिला नहीं और बारिश की वजह से भी काम नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति आज देर शाम तक बनी रही। मंगलवार की रात करीब 10:00 बजे जब यह खबर लिखी जा रही थी, शंभूगंज प्रखंड और इसके गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई थी। लोग अंधेरे में जीने को विवश हैं। पानी संकट कायम है, सो अलग..।
ज्ञात हो कि शंभूगंज प्रखंड के छतहार पंचायत इलाके को पूर्व में तारापुर से बिजली मिलती थी। लेकिन सरकार के एक नीतिगत फैसले के हवाले से इसे हाल ही में बने शंभूगंज के पतवारा पावर सब स्टेशन से कनेक्ट कर दिया गया। पतवारा पावर सबस्टेशन के अंतर्गत बिशनपुर, गुलनी कुशाहा, मिर्जापुर और छतहार- ये चार फीडर बनाए गए हैं। इन चारों फीडरों से जुड़े गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। सोमवार रात 10:00 बजे से मंगलवार रात 10:00 बजे तक बिजली ने क्षेत्र में दर्शन तक नहीं दिए। लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। जबकि बिजली विभाग के अधिकारी ‘देख रहे हैं’ और ‘देखेंगे’ जैसे जुमले का प्रयोग कर प्रभावित लोगों की उम्मीद जगाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।