बांका लाइव ब्यूरो : यहां चांदन नदी पर बने अस्थाई डायवर्सन के ध्वस्त हो जाने के बाद बांका जिले के 4 प्रखंडों की तकरीबन 8 लाख आबादी प्रभावित हुई है। जिले की इस बड़ी आबादी का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया है। सर्वाधिक परेशानी चांदन नदी के पूरब बांका ढाकामोड़ मार्ग के इर्द-गिर्द बसे सौ से ज्यादा गांवों की आबादी को हुई है। इस आबादी का मुख्य बाजार बांका शहर में ही है।
लेकिन डायवर्सन के बह जाने और चांदन पुल के ध्वस्त रहने की वजह से उन्हें बांका जिला मुख्यालय शहर तक आने जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश का दौर जारी है। फलस्वरूप नदी में भी पानी का उफान है। इन स्थितियों में भी बड़ी संख्या में लोग अपनी साइकिल व बाइक लेकर या फिर पैदल विशनपुर घाट होकर खतरनाक स्थितियों में नदी पार करते हुए बांका शहर तक आवागमन कर रहे हैं।
इस बीच, मंगलवार से यहां फिर से हो रही है। जोरदार बारिश की वजह से चांदन नदी में उफान आ गया है, जिसके बाद से विशनपुर घाट वाला रास्ता अभी लोग इस्तेमाल नहीं कर रहे। उन्होंने आने जाने के लिए चांदन नदी के ध्वस्त पड़े पुल का ही इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इस पुल की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इस होकर आवागमन किसी भी समय बहुत बड़े खतरे का सबब बन सकता है। लेकिन फिर भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस होकर आवाजाही कर रहे हैं।
इस ध्वस्त पड़े पुल के दोनों और बैरियर लगा है। लेकिन फिर भी लोग इस होकर आना जाना नहीं छोड़ रहे क्योंकि उनके पास विकल्प भी नहीं है। प्रशासनिक स्तर पर उन्हें रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा सके हैं। लोगों का कहना है कि बांका शहर में उन्हें काम है तो किसी तरह जाना ही होगा। फिर वापस अपने घर भी लौटना होगा। मरीजों को सदर अस्पताल तक लाना ले जाना अलग से बड़ी परेशानी है। वे लोग भगवान के भरोसे जी रहे हैं।
चांदन नदी के ध्वस्त पड़े पुराने पुल से होकर आना जाना कितना दुरूह और खतरनाक है, इसे सिर्फ अपनी नजर से देख कर ही जाना- समझा और महसूस किया जा सकता है। लेकिन फिर भी लोगों की मजबूरी उन्हें इस होकर आने जाने पर विवश कर रही है। चांदन नदी के अस्थाई डायवर्सन के फिर से चालू होने में अभी दो-तीन दिनों की देरी लग सकती है। काम जारी है और इसका एक बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है। लेकिन फिर भी बिना पूरी तरह कंपैक्ट किए इस होकर आवागमन की अनुमति दिए जाने की गुंजाइश नहीं दिखती।