बांका लाइव न्यूज़ / बौंसी : पूर्व बिहार के मंदार क्षेत्र स्थित पौराणिक एवं सुप्रसिद्ध भगवान मधुसूदन की रथयात्रा हर वर्ष जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर आयोजित होती रही है। इस आयोजन का दीर्घ इतिहास रहा है। आयोजन की महत्ता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कोरोना संकट काल से पूर्व तक यहां आयोजित होने वाली रथ यात्रा में न सिर्फ बांका सहित बिहार के आसपास के जिले, बल्कि झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों के श्रद्धालु इसमें शामिल होने यहां पहुंचते थे।

लेकिन गत वर्ष कोरोना संकटकाल के बाद से इस आयोजन के पारंपरिक नैसर्गिक स्वरूप को ग्रहण लग गया है। गत वर्ष रथयात्रा आयोजन के स्थगन के बाद इस बार भी यहां इस आयोजन पर राजकीय स्तर पर प्रतिबंध है। हालांकि रथ यात्रा की पारंपरिक प्रक्रिया के औपचारिक आयोजन की अनुमति जरूर है। लेकिन इसके सिमटे हुए स्वरूप की वजह से गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा का उत्सव फीका फीका महसूस किया जा रहा है।

इन सबके बावजूद क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की श्रद्धा और भक्ति की तीव्रता और गहराई पर सरकारी आदेश का कोई प्रभाव नहीं देखा जा रहा। प्रतिबंध के बावजूद भगवान मधुसूदन के दर्शन- पूजन और रथ यात्रा में शिरकत करने के इरादे से यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सोमवार को सबेरे से ही मंदिर तथा इसके परिसर के आसपास उमड़ रही है। वैसे, इस वर्ष भी भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा बौंसी कस्बे का भ्रमण नहीं करेगी। लेकिन मंदिर परिसर के सामने मैदान में ही रथ यात्रा का औपचारिक आयोजन संपन्न किया जाएगा।
इस आयोजन को लेकर क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ का आलम यह है कि कई बार इससे निपटने के लिए मंदिर प्रबंधन के स्वयंसेवकों को मधुसूदन मंदिर के मुख्य द्वार को बंद करना पड़ा है। हालांकि इन सब से निपटने के लिए मधुसूदन मंदिर और इसके आसपास सुरक्षा के कोई बंदोबस्त फिलहाल नहीं दिख रहे। प्रशासन की ओर से पारंपरिक तरीके से रथयात्रा आयोजन पर रोक तो जरूर लगा दी गई है, लेकिन इसे नियंत्रित एवं औपचारिक तौर पर ही सही, संचालित करने के लिए मौके पर अधिकारियों और सुरक्षा बलों की मौजूदगी कहीं दिख नहीं रही।
ऐसे में कई श्रद्धालु चोर- उचक्कों के भी शिकार हो रहे हैं। मिली खबरों के मुताबिक कुछ महिलाओं के गले की चेन और अन्य वस्तु उचक्के भीड़भाड़ के दौरान मौके का फायदा उठाकर ले भागे। इस बात की शिकायत हालांकि पीड़ितों द्वारा पुलिस तक पहुंचाने की बात सामने नहीं आई है, लेकिन स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित जरूर हैं। इस बीच मंदिर प्रबंधन से जुड़े स्वयंसेवकों के अनुसार आज दोपहर बाद करीब 2:30 बजे भगवान मधुसूदन सुसज्जित रथ पर आरूढ़ होंगे। इसके बाद उन्हें मंदिर परिसर में ही श्रद्धालु खींच कर भगवान की रथयात्रा की परंपरा का औपचारिक निर्वहन करेंगे।