बिहार के बांका जिले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई कर दी है। जिले के अमरपुर प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वर्षों से नौकरी कर रहे ऐसे आधे दर्जन शिक्षकों के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो भागलपुर प्रक्षेत्र के पुलिस इंस्पेक्टर विपिन कुमार ने दर्ज कराई है।
बांका लाइव ब्यूरो : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की इस बड़ी कार्रवाई के बाद न सिर्फ अमरपुर प्रखंड बल्कि पूरे बांका जिले के शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है। शिक्षकों पर फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज होने के बाद जिले में जहां तहां विभिन्न स्कूलों में वर्षों से कार्यरत फर्जी शिक्षकों के साथ साथ शिक्षकों की बहाली से जुड़े फर्जीवाड़े में संलिप्त दलालों, शिक्षकों एवं संबंधित नियोजन इकाइयों के सदस्यों व पदाधिकारियों में भी खलबली मच गई है।
जानकारी के अनुसार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जिले के अमरपुर प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत जिन शिक्षकों पर फर्जीवाड़े के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, उनमें प्रोन्नत मध्य विद्यालय दौना उर्दू में पदस्थापित दौना गांव के ही निवासी मोहम्मद जान नवाज आलम, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बल्लिकित्ता में पदस्थापित कुमरखाल गांव के जनार्दन मंडल तथा प्राथमिक विद्यालय कासपुर में पदस्थापित इसी गांव की फुल कुमारी शामिल हैं।
इनके अलावा नव प्राथमिक विद्यालय पवई डीह में पदस्थापित भलुआर गांव की चंद्रप्रभा कुमारी, गोरगामा मंझला टोला प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित बांका कोरियंधा के चंदन कुमार एवं प्रोन्नत मध्य विद्यालय बलिया में पदस्थापित रजौन के सिंहासन गांव निवासी सुखदेव साह के खिलाफ भी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
बताया गया कि निगरानी विभाग द्वारा फर्जी शिक्षकों को लेकर चल रही जांच के दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के द्वारा जो फोल्डर उपलब्ध कराए गए थे, उन्हीं से जिले भर में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कार्यरत शिक्षकों के पोल खुल गए। निगरानी विभाग के सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान मोहम्मद जान नवाज आलम के मैट्रिक अंकपत्र में गड़बड़ी, फुल कुमारी की जन्म तिथि में हेरा फेरी, मैट्रिक में फेल रहने के बाद भी जनार्दन मंडल के अंकपत्र में हेरा फेरी करने सहित अन्य शिक्षकों के अंकपत्र, मूल परीक्षा प्रमाण पत्र आदि बोर्ड के अभिलेख से समान नहीं पाए गए।
अमरपुर थाना अध्यक्ष के मुताबिक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो भागलपुर प्रक्षेत्र के इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं। अब छानबीन शुरू की जा रही है। इसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस बीच चर्चा के मुताबिक बांका जिले में फर्जी शिक्षकों के ये मामले अंतिम नहीं हैं। जिले में बड़े पैमाने पर फर्जी शिक्षकों के आज भी विभिन्न स्कूलों में वर्षों से काम किए जाने की चर्चा आम है। खबरों के मुताबिक तो यह स्थिति पूरे बिहार में कायम है जहां निगरानी की जांच के अनुरूप कार्रवाई भी हो रही है। बांका जिले में भी निगरानी विभाग की कार्रवाई शुरू हो गई है। इससे यहां कार्यरत फर्जी शिक्षकों के साथ-साथ उनकी बहाली के लिए जिम्मेदार नियोजन इकाईयों में भी हड़कंप मचा हुआ है।