बांका लाइव डेस्क : कहते हैं परिणय का बंधन ऊपर वाले के हाथों लिखा होता है। लेकिन कई बार ऐसी मिसाल भी सामने आती है, जब प्रेम का पलड़ा इस मान्यता पर भारी पड़ जाता दिखता है। ऐसा ही एक मामला बिहार के बांका जिला अंतर्गत चांदन प्रखंड में सामने आया है, जहां तमाम विरोध और अड़चनों के बावजूद बचपन के दो प्रेमी युगल अपनी जिजीविषा और इच्छाशक्ति की बदौलत आखिरकार दांपत्य सूत्र में बंध ही गए।
पंच उनके लिए परमेश्वर बन गए और शायद ऊपर वाले के कातिब भी, जिन्होंने इस प्रेमी जोड़े के दांपत्य जीवन का बाइलॉज लिख दिया। प्रेमी युगल की शादी चांदन प्रखंड के लालपुर गांव स्थित शिव मंदिर में पंचों की सहमति से हो गई। इस अवसर पर वर- वधु के परिजनों के साथ-साथ इलाके के अनेक गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।
बताया गया कि बांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत आनंदपुर ओपी क्षेत्र के बारने गांव का गुलाब कुमार जब स्कूल में पढ़ता था, उसी दौरान अपने ही गांव की एक लड़की से स्कूल में ही पढ़ाई के दौरान उसे प्रेम हो गया था। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग पिछले कई वर्षों से लगातार जारी रहा। बात शादी तक पहुंची तो दोनों के परिवार वाले इसमें बाधक बन गए।
दोनों के परिवार वाले जब उनकी शादी को लेकर राजी नहीं हुए तो लड़की ने खुद ही फैसला कर लिया और एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने परिवार की इच्छा को दरकिनार कर विगत 3 अगस्त को स्वयं अपने प्रेमी गुलाब कुमार के घर पहुंच गई। इधर लड़की को घर में नहीं देख उसके परिवार वालों ने अपने रिश्तेदारों के सहयोग से उसकी काफी खोजबीन की। लेकिन जब परिजनों को पता चला कि उनकी लड़की अपने प्रेमी गुलाब कुमार के घर चली गई है, तो इसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करा दी।
पुलिस भी इस रिपोर्ट पर फौरी कार्रवाई करते हुए गुलाब कुमार के घर पर पहुंच गई और प्रेमी युगल को बरामद कर लिया। पुलिस दोनों को लेकर थाना पर चली आई। लेकिन दोनों ने पुलिस को साफ कह दिया कि वे प्रेम करते हैं एवं स्वेच्छा से एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। लड़की ने यह भी कहा वह स्वेच्छा से ही गुलाब कुमार के पास स्वयं पहुंची है। प्रेमी युगल खासकर लड़की के इस बयान से मामले ने उनके पक्ष में नया मोड़ ले लिया।
इस मामले को लेकर पंचायती का निर्णय हुआ, जिस पर प्रेमी युगल के उनके अपने अपने परिजनों ने भी सहमति प्रदान की। पंचायत में प्रेमी युगल की बातें सुनी गई और पंचों ने निर्णय पेश किया कि उनकी विधिवत शादी करा दी जाए। आखिरकार इस पर प्रेमी युगल के परिजनों ने भी सहमति प्रदान कर दी। प्रेम प्रसंग की इस लंबी और संघर्षपूर्ण कहानी को सुखद मोड़ मिलते ही कोई देरी किए बगैर दोनों की विधिवत शादी लालपुर स्थित शिव मंदिर में करा दी गई। इस मांगलिक अवसर पर दोनों के परिजनों के साथ साथ बड़ी संख्या में आसपास के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। इस मौके पर प्रेमी युगल के अभिभावकों को भी आखिर कहना ही पड़ा.. ‘उनके बच्चों की खुशी में ही उनकी भी खुशी है!’