बांका लाइव ब्यूरो : आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा था। करोड़ों की लागत से बांका में चांदन नदी पर बना डायवर्सन शनिवार को तड़के बह गया। इसके साथ ही बांका जिला एक बार फिर से दो भागों में बंट कर रह गया है। डायवर्सन बह जाने की वजह से बांका- ढाकामोड़ मार्ग पर यातायात बिल्कुल ठप हो गया है। इससे बांका वासियों की परेशानी काफी बढ़ गई है।
शनिवार की सुबह से ही चांदन डायवर्सन के बह जाने का मामला बांका सहित जिले भर में चर्चा का हॉट टॉपिक बना हुआ है। सुबह जब डायवर्सन बहने की रिपोर्ट यहां के लोगों को मिली तो इसे देखने नदी किनारे भीड़ उमड़ पड़ी। यह खबर देखते ही देखते बांका शहर सहित जिलेभर में जंगल की आग की तरह फैल गई।
विगत विधानसभा चुनाव के समय करोड़ों की लागत से यह डायवर्सन बना था। तब कहा तो यह गया था कि यह अस्थाई डायवर्सन है। मुख्य डायवर्सन वर्तमान ध्वस्त पड़े एवं प्रस्तावित नए चांदन पुल के उत्तर की तरफ नदी में बनाया जाएगा। लेकिन इस अस्थाई डायवर्सन के बन जाने के बाद पुल और डायवर्सन की टेंडर प्रक्रिया भी साल भर तक पूरी नहीं हो सकी। अभी हाल में चांदन पुल के निर्माण के साथ-साथ डायवर्सन के लिए भी टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई है। लेकिन इसी बीच अस्थाई डायवर्सन के बह जाने से एक नई और बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।
डायवर्सन की स्थिति यह है कि गत वर्ष निर्माण के बाद इसे चालू करने के साथ ही इसका एक बड़ा हिस्सा बह गया था। लेकिन तब सरकार और प्रशासन को भी इसकी जरूरत थी, सो आनन-फानन में इसकी मरम्मत करा दी गई थी। फिर बारिश का मौसम समाप्त हो गया तो जैसे तैसे यह डायवर्सन चलता रहा। इस होकर सिर्फ छोटी गाड़ियां ही आ जा सकती थीं। बड़ी गाड़ियों को रोकने के लिए डायवर्सन के दोनों ओर बैरियर लगा दिया गया था।
जैसा कि इस वर्ष बारिश का मौसम शुरू होते ही इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही थी कि कभी भी यह डायवर्सन ध्वस्त होकर बांका जिले को एक बार फिर से दो भागों में बांट सकता है, शनिवार की सुबह यह आशंका सही साबित हो गई। डायवर्सन अपने पूर्वी हिस्से में करीब 100 मीटर की दूरी तक पूरी तरह बह गया है। इस के पश्चिमी हिस्से में भी तेजी से कटाव जारी है और कभी भी इसके बह जाने की आशंका बनी हुई है।
डायवर्सन का निर्माण पुल निर्माण निगम की देखरेख में स्थानीय ठेकेदारों द्वारा किया गया था। डायवर्सन की लंबाई करीब डेढ़ किलोमीटर है। खास बात है कि डायवर्सन नदी की धार में उधर बह गया है जिधर बहुत तेज धार नहीं चल रही है। नदी के बीच वाले हिस्से में डायवर्सन का स्ट्रक्चर अब भी कायम है। हालांकि भले ही पश्चिमी हिस्से में कटाव जारी हो चुका है।
जैसी कि चर्चा थी कि यदि चांदन डैम में आधा फीट से ज्यादा पानी स्पील हुआ तो बांका स्थित डायवर्सन को खतरा उत्पन्न हो सकता है। चांदन डैम में इस वर्ष अभी तक सिर्फ 6 से 8 इंच तक ही पानी स्पील हो सका है। अब नहर खुल जाने के बाद स्पीलवे से पानी का बहाव लगभग बंद है। लेकिन नदी के दक्षिणी जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से स्पील रेट बढ़ने के साथ ही नदी में पानी का तेज बहाव आया और डायवर्सन को अपने साथ बहा ले गया।
डायवर्सन के बह जाने से नदी के पूरब स्थित बांका जिले के बौंसी, पंजवारा, धोरैया, बाराहाट, रजौन, पुनसिया आदि क्षेत्रों का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया है। रजौन- धोरैया के लोग तो जैसे तैसे पुनसिया- अजीत नगर रोड से बांका एप्रोच कर सकते हैं, लेकिन बौंसी, पंजवारा, श्याम बाजार आदि क्षेत्रों के लोगों के लिए अब बांका तक पहुंचना एक बड़ी समस्या बन गई है। यहां के लोगों को झारखंड के गोड्डा- दुमका आदि तक जाने के लिए भी अब काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी।