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BANKA BIHAR : मंदार की चोटी अब दूर नहीं, रोप-वे है तैयार, मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन

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बांका लाइव डेस्क : मंदार शिखर यानी मंदार पर्वत की चोटी सैलानियों के लिए अब दूर नहीं रहेगी। मंदार शिखर तक पहुंचने के लिए रोप-वे बन कर अब लगभग तैयार है। उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह तक इसे अंतिम टच दे दिया जाएगा। इसी दौरान इसके उद्घाटन की भी योजना प्रस्तावित है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले सप्ताह के बाद से सैलानी मंदार पर्वत पर रोप-वे का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं।

विश्व प्रसिद्ध मंदार पर्वत का सनातन पौराणिक महत्व है। माना जाता है कि देवताओं और असुरों द्वारा संयुक्त रूप से किए गए सागर मंथन में जिस मथानी का इस्तेमाल किया गया था, वह यही मंदार पर्वत है। बांका जिला अंतर्गत प्राचीन वालीसा नगरी (अब बौंसी) कस्बे से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर अवस्थित मंदार पर्वत पर आज भी सैकड़ों पौराणिक पहचान और धरोहर मौजूद हैं जो इसके वाकई पौराणिक महत्व की पुष्टि करते हैं।

मंदार पर्वत सनातनी हिंदुओं एवं जैन समाज के साथ-साथ मूल आदिवासी समुदाय के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक आध्यात्मिक धरोहर है। यहां सालों भर सैलानी आते-जाते रहते हैं। यहां सैलानी देश भर से आते हैं। मंदार पर्वत शिखर पर अनेक धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थल हैं जिनका सनातन हिंदू एवं जैन मतावलंबियों से गहरा सरोकार है। उन तक पहुंचने के लिए सैलानियों को सैकड़ों मीटर ऊंचाई पर पहाड़ पर चढ़ना होता है। यह दुरूह और कष्टसाध्य है।

इससे सैलानियों को निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से वर्ष 2017 में मंदार पर रोप-वे का शिलान्यास किया गया था। शुरुआती दौर में इसके निर्माण में काफी हील हुज्जत रही। काम भी देर से शुरू हुए। इस काम का ठेका राइट्स नामक कंपनी के जिम्मे रहा और मंदार पर रोप-वे के निर्माण को लेकर आरंभिक दौर में इसकी भूमिका बेहद शिथिल रही। हालांकि बाद में पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन के दबाव के बाद निर्माण के काम में तेजी आई और अब इसके निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है।

पिछले करीब दो सप्ताह से रोप-वे का फाइनल ट्रायल चल रहा है और इसमें अभी तक कोई गड़बड़ी सामने नहीं आने की खबर है। कुछ समय पूर्व जब पर्यटन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यहां पहुंचे थे तो उन्होंने यहां रोप-वे से जुड़े काम के निस्तारण की स्थिति को देखते हुए उम्मीद व्यक्त की थी कि अगले माह से इसे चालू किया जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन कम से कम 8 घंटे रोपवे के ट्रायल का भी निर्देश विभाग ने संबंधित ठेका एजेंसी को दिया था।

अधिकारियों के निर्देश और कुछ व्यवहारिक जरूरतों के मद्देनजर रोप-वे का ट्रायल हर रोज जारी है, हालांकि 8 घंटे नहीं बल्कि घंटे 2 घंटे के लिए ट्रायल का काम चल रहा है। एक सूत्र के मुताबिक रोप-वे से संबंधित बिजली का कुछ काम अभी बाकी है। मंदार शिखर पर बिजली का काम पूरा नहीं हो सका है। यही वजह है के ट्रायल के दौरान नीचे बिजली से तो ऊपर जनरेटर से ट्रॉली चलाए जा रहे हैं। ट्रॉली से ही रोपवे निर्माण में लगे कामगारों और कर्मियों का मंदार पर आना जाना हो रहा है।

मंदार पर जो रोपवे बना है वह राजगीर के बाद बिहार का दूसरा रोपवे है, जिसके अब उद्घाटन की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि अगले एक सप्ताह के दौरान इसका बचा खुचा काम पूरा कर लिया जाएगा। तत्पश्चात सीआरएस की हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका औपचारिक उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी यहां के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियां चल रही हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हाल ही में बांका सदर प्रखंड अंतर्गत ओढ़नी डैम में किए गए सौंदर्यीकरण का भी निरीक्षण करेंगे। ओढ़नी डैम में जिला प्रशासन की ओर से मोटर बोट से नौकायन की व्यवस्था की गई है।

रोपवे चालू हो जाने के बाद पापहरणी के समीप सफा मंदिर के निकट बने बेस कैंप से मंदार शिखर की दूरी 786 मीटर रह जाएगी जिसे 8 मिनटों में पूरा किया जा सकेगा। ज्ञात हो कि सीढ़ियों के सहारे मंदार शिखर तक पहुंचने में सैलानियों को 1150 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। रोपवे में दोनों ओर से चार चार ट्रॉली लगाए गए हैं। प्रत्येक ट्रॉली पर चार चार सीट बने हैं। यानी प्रत्येक ट्रिप में 16 व्यक्ति ऊपर और 16 व्यक्ति नीचे एक साथ आ-जा सकेंगे। रोप-वे मंदार क्षेत्र के पर्यटन विकास के मार्ग में मील का एक बड़ा पत्थर साबित होगा।


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