पिछले कई दिनों से तमाम नकारात्मक एवं तनाव पैदा करने वाली खबरों के बीच फिलहाल बांकावासियों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि संभवतः इसी सप्ताह यहां चांदन नदी पर बना डायवर्सन फिर से चालू हो जाएगा। यह उम्मीद पुल निर्माण निगम के अधिकारियों ने भी व्यक्त की है। डायवर्सन की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
बांका लाइव ब्यूरो : करोड़ों की लागत से बांका शहर के समीप चांदन नदी पर बने अस्थाई डायवर्सन का एक बड़ा हिस्सा शनिवार को नदी के तेज बहाव में कट कर बह गया था। इससे बांका जिले के 4 प्रखंडों की तकरीबन 8 लाख की आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया है।

यह डायवर्सन गत वर्ष विधानसभा चुनाव के पूर्व विशुद्ध अस्थाई तौर पर चुनाव के दौरान प्रशासनिक गतिशीलता बनाए रखने एवं छोटी गाड़ियों की आवाजाही के लिए बनाया गया था। हालांकि इसके निर्माण में करोड़ों की लागत लग गई थी।
तब कांसेप्ट यह था कि बांका में ध्वस्त पड़े चांदन पुल की जगह नए पुल का निर्माण शीघ्र कर लिया जाएगा। पुल निर्माण पूरा होने तक आवागमन की सुविधा के लिए एक मजबूत और अस्थाई डायवर्सन का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए क्रमशः 48 करोड़ एवं 5.65 करोड़ का प्राक्कलन भी तैयार किया गया। लेकिन इससे पहले काम चलाने के लिए एक अस्थाई डायवर्सन का निर्माण ध्वस्त पुल के दक्षिण बाबा भयहरण स्थान के समीप से चमरेली घाट होकर पुराने पुल के पूर्वी छोर पर शंकरपुर के पास तक के लिए कर दिया गया।

यह अस्थाई डायवर्सन शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा। रूट को लेकर विवादों के बीच इसका निर्माण जैसे तैसे किया गया। इसे लेकर शुरू से ही इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही थी कि यह काम चलाऊ है और कभी भी इसका अंत हो सकता है। इस आशंका की पुष्टि गत वर्ष इसके चालू होने के साथ ही हुई, जब पानी के मामूली बहाव में इसका बड़ा हिस्सा बह गया। हालांकि उस वक्त आनन-फानन में इसकी मरम्मत कर फिर से इसको चालू किया गया।
लेकिन इस वर्ष बारिश का मौसम इस डायवर्सन के लिए घातक सिद्ध हुआ। 2 दिन पूर्व नदी के तेज बहाव में इसका एक बड़ा हिस्सा तकरीबन 100 मीटर से अधिक की दूरी में कटकर बह गया। इससे बांका जिले के पूर्वी हिस्से में अवस्थित रजौन, धोरैया, बौंसी एवं बाराहाट प्रखंडों की तकरीबन 8 लाख की आबादी का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया। इन प्रखंडों से जिला मुख्यालय आने के लिए लोगों को 25 से 30 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।

हालांकि परसों जब यह डायवर्सन बहा, तब जिला प्रशासन ने भी तत्परता दिखाते हुए इस दिशा में फौरी कार्रवाई की। अनुमंडल दंडाधिकारी मनोज कुमार चौधरी ने पुल निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण कर इसकी युद्ध स्तर पर मरम्मती का आदेश दिया, ताकि जल्दी से इसे दोबारा चालू किया जा सके। उनके आदेश का असर हुआ और फौरन इस दिशा में काम भी चालू कर दिया गया।
डायवर्सन की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इसके बेसिक स्ट्रक्चर में मिट्टी डालने का काम अंतिम चरण में है। स्थिति को देखते हुए पूर्व में ही यहां साढ़े 4 फीट व्यास के 50 ह्यूम पाइप मंगवा लिए गए थे। पुनः साढ़े 6 फीट व्यास के 20 नए ह्यूम पाइप मंगवाए गए हैं। ह्यूम पाइप डालने के बाद बेस पर मिट्टी भराई और कंक्रीट का लेयर दिया जाएगा। इस काम में दो- तीन या चार दिनों का समय लग सकता है। लेकिन उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि इस सप्ताह में इसे चालू कर इस पर यातायात बहाल कर दिया जाएगा।
पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार का कहना है कि नदी में एकाएक तेज बहाव आ जाने की वजह से डायवर्सन का एक बड़ा हिस्सा पानी में बह गया था। इसकी मरम्मत का काम चालू कर दिया गया है। कोशिश है कि जल्द ही इसे मुकम्मल दुरुस्त कर लोगों एवं छोटे वाहनों के लिए आवागमन इस पर चालू कर दिया जाए। काम युद्धस्तर पर चल रहा है। उम्मीद है कि एक एक सप्ताह के अंदर इसे फिर से चालू कर दिया जाएगा।