बांका लाइव ब्यूरो / कटोरिया : बिहार के बांका जिले में राज्य सरकार की ग्रामीण सड़क योजनाओं की पोल खुलने लगी है। सूखे मौसम में नेताओं और जनप्रतिनिधियों की बयानबाजी सड़कों को लेकर इसलिए चल जाती है कि तब ग्रामीण जैसे तैसे आवागमन कर लेते हैं। लेकिन बारिश उतरते ही उन बयानों और दावों की पोल खुलने लगती है जब ग्रामीणों को मुख्य सड़क से अपने गांव और घर तक पहुंचने के लिए नारकीय स्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है और इस मशक्कत में उनके रूह कांप जाते हैं।
जब हालात असह्य बन जाते हैं तो ग्रामीणों का भी धैर्य जवाब दे जाता है। ऐसे ही एक मामले में गुरुवार को जिले के कटोरिया प्रखंड अंतर्गत आधे दर्जन गांवों के ग्रामीणों का धैर्य आखिरकार जवाब दे गया और वे सड़क के लिए सड़क पर उतर आए। उन्होंने अपने गांव- घरों तक पहुंचने के लिए सड़कों की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन करते हुए मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। इस दौरान मार्ग पर यातायात पूरी तरह अवरुद्ध रहा।
कटोरिया प्रखंड अंतर्गत सुदूरवर्ती दामोदरा पंचायत के विशोकुरा, कुहका, भीतिया एवं बरमसिया आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपने गांव से सटे बौंसी डैम रोड की ओर जाने वाले आरपत्थर- चिरैयामोड़ मुख्य मार्ग को बरगच्छा के समीप जाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की। ग्रामीण मुख्य मार्ग से अपने गांव तक पहुंचने के लिए सड़क संपर्क निर्माण की मांग कर रहे थे।
ग्रामीण इस दौरान काफी आक्रोशित थे। जाम के दौरान उन्होंने उक्त मार्ग पर आने जाने वालों को बिल्कुल रोक दिया। वाहनों की तो दूर, आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम के दौरान उक्त मार्ग से होकर लोगों के पैदल चलने पर भी रोक लगा दी। ग्रामीणों के प्रदर्शन एवं सड़क जाम की सूचना मिलने के बाद कटोरिया के अंचलाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी भी स्थिति को संभालने मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे सीओ से सड़क नहीं रहने से होने वाली परेशानियों को गिनाया। उन्हें बताया कि अगर अभी किसी बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने की नौबत आ जाए तो उन्हें आदम युग की तरह कंधे पर खटोली के माध्यम से गांव से बाहर मुख्य मार्ग तक ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं है। फिलहाल ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क की समस्या को दूर करने की मांग की है, अन्यथा जनांदोलन की चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने वालों में प्रमिला देवी, यशोदा देवी, कुंती देवी, रेशमा देवी, अजबलाल यादव, बासुदेव यादव, श्याम यादव, बिनोद यादव आदि ग्रामीण शामिल थे। अधिकारियों ने समझा-बुझाकर किसी तरह ग्रामीणों से जाम हटवाने में सफलता हासिल की। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगें संबंधित अधिकारियों तक अवश्य पहुंचाई जाएंगी।
(कटोरिया से रितेश सिंह की रिपोर्ट)