बांका लाइव (ब्यूरो रिपोर्ट) : भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी नहीं रहे। सोमवार की शाम उनका दिल्ली में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उनके पुत्र डॉक्टर अभिजीत मुखर्जी ने सबसे पहले ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित आरआर अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की। लेकिन वह नहीं रहे। कुछ दिन पूर्व उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी एक कुशल राजनेता, सक्षम प्रशासक, बेहतरीन वक्ता और इससे भी अच्छे इंसान थे। वह देश के उन गिने-चुने राजनेताओं में शुमार थे जिनका व्यक्तिगत से लेकर राजनीतिक जीवन में कोई दुश्मन न था। उनकी अच्छाइयों के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
डॉक्टर मुखर्जी के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। देश के वर्तमान राष्ट्रपति सहित प्रतिरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और ऐसे ही तमाम बड़े नेताओं एवं मंत्रियों ने उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी के सार्वजनिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1969 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय में हुई जब स्वर्गीय गांधी ने उन्हें खासतौर से चुनकर राज्यसभा का चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में डॉक्टर मुखर्जी ने आसानी से अपनी जीत दर्ज की। बाद में भी वह कई बार राज्यसभा के सदस्य रहे। 1973 में उन्हें पहली बार के केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया था। इसके बाद कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वह देश के वित्त एवं विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे।