ब्यूरो रिपोर्ट : बिहार में कोरोना का कहर जारी है। लेकिन प्रभावित आबादी के हिसाब से यहां कोरोना की जांच की रफ्तार अपेक्षाकृत बेहद कम है। बड़ी संख्या में मरीज चाह कर भी अपनी जांच जल्द नहीं करवा पा रहे। अब खबर है कि इस समस्या का निदान निकाला जा रहा है। राज्य में आरटी पीसीआर से कोरोना की जांच की क्षमता तीन गुनी तक बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की रूपरेखा तैयार किए जाने की भी बात कही जा रही है।
बिहार में कोरोना जांच की वर्तमान गति को देखते हुए आरटी पीसीआर जांच की क्षमता में वृद्धि की बात कह कर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक नई उम्मीद जगाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जानकारी दी है कि बिहार में कोरोना जांच के धीमेपन को देखते हुए इसकी जांच की क्षमता को 3 गुना तक बढ़ाया जाएगा। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग की टीम बहुत तेजी से योजना को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि कोरोना जांच की क्षमता को बढ़ाने के लिए बिहार के 6 जिलों में आरटी पीसीआर लैब बनाए जाएंगे। साथ ही पटना के एआईआईएमएस और वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस पावापुरी नालंदा में एक एक आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीन की भी व्यवस्था की जाएगी। राज्य में कोरोना जांच में वृद्धि करने के लिए केंद्रीय एवं राज्य सरकार की एजेंसियों से रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी देने की बात कही है।
वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक देश में प्रतिदिन 20 लाख से अधिक आरटी पीसीआर जांच हो रहे हैं। बिहार में पहले फेज में एम्स सहित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मधेपुरा, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर, आईजीआईएमएस, पीएमसीएच, राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पटना तथा श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर में आरटी पीसीआर जांच की क्षमता बढ़ाई जा चुकी है।
बिहार में फिलहाल पीएम केयर्स फंड से मुंगेर, मोतिहारी एवं पूर्णिया में आरटी पीसीआर लैब लगाए जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री की बातों से जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक आने वाले दिनों में राज्य के बांका सहित कैमूर बक्सर, गोपालगंज जिला अस्पताल, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया एवं वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नालंदा में आरटी पीसीआर लैब स्थापित किए जाने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के तौर पर पटना एम्स तथा वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस पावापुरी नालंदा में आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीन लगाई जाएगी। हालांकि यह भी द्रष्टव्य है कि राज्य के जिलों को स्वास्थ्य संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं मेकैनिज्म उपलब्ध कराने के संदर्भ में पूर्व में भी इस प्रकार की घोषणा की जा चुकी हैं। उदाहरण के तौर पर अन्य जिलों के साथ-साथ बांका सदर अस्पताल में भी एम आर आई मशीन स्थापित करने की बात कही गई थी। मगर फिलहाल ऐसा कहीं कुछ हुआ दिख नहीं रहा। फिर भी उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि इस बार योजनाएं पटल पर उतरेंगी, ताकि आम अवाम को कोरोना संक्रमण के इस महासंकट एवं महामारी में राहत मिल सके।