बांका लाइव ब्यूरो / पटना : बिहार में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले विदेशी घुसपैठियों के लिए राजधानी पटना से सटे हाजीपुर में पहला डिटेंशन सेंटर खोला गया है। बताया गया कि यह डिटेंशन सेंटर अस्थाई तौर पर खोला गया है।
राज्य सरकार ने हलफनामे में दी जानकारी
पटना हाईकोर्ट में मरियम खातून की रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दायर हलफनामे में इस बात की जानकारी दी गई है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस सिलसिले में राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि बिहार के सीमावर्ती इलाके में अवैध तरीके से प्रवेश कर आए बांग्लादेशी एवं अन्य विदेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें पकड़ते हुए उनके अपने देश में डिपोर्ट करने हेतु एक कार्य प्रणाली तैयार कर कोर्ट को प्रस्तुत करें। इस मामले में अगली सुनवाई 4 सितंबर को मुकर्रर की गई है।
सजा बढ़ाने की अपील का अधिकार पीड़ित को नहीं
पटना हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में दिए अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी दोषी को मिली हुई सजा बढ़ाने की अपील करने का कानूनी अधिकार सिर्फ राज्य यानी अभियोजन के पास है। अपराध पीड़ित व्यक्ति अपराध के दोषी की सजा बढ़वाने की अपील दायर नहीं कर सकता। न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह एवं न्यायाधीश अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एक शख्स की आपराधिक अपील याचिका को खारिज करते हुए उक्त फैसला सुनाया।
उम्र कैद की जगह की गई थी सजा-ए-मौत की अपील
यह मामला बिहार के गया जिला अंतर्गत रामपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जिसमें अपीलार्थी की 8 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास के दौरान अपराधी ने उसकी हत्या कर दी थी। गया के पॉक्सो की विशेष अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसके अलग-अलग अपराधों के लिए सजा सुनाई थी जिसमें अधिकतम सजा उम्रकैद के साथ जुर्माना भरने की थी। अपीलार्थी ने दोषी आरोपी को उम्रकैद की बजाय मौत की सजा देने की मांग की थी।