BANKA : फंटूश यादव की मौत गोली लगने से हो गयी। गोली उसकी कनपटी में लगी है। उसे गोली किसने मारी, इस बात को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं। फंटूश के परिजनों का कहना है की गोली बालू घाटों की पट्टा एजेंसी के लोगों ने मारी है। जबकि चर्चा यह भी है कि पुलिस की गोली लगने से फंटूश यादव की मौत हुई है।
घटना बांका जिला अंतर्गत अमरपुर थाना क्षेत्र के जेठौर बालू घाट के समीप जनकपुर गांव के निकट हुई गत रात पुलिस और बालू माफियाओं के बीच झड़प भी इसी जगह हुई थी, जहां अवैध रूप से डंप किए गए बालू की ट्रकों और ट्रैक्टरों पर लोडिंग की जा रही थी। इसी झड़प में एसडीपीओ बांका एवं पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
फंटूश यादव की लाश को पोस्टमार्टम के लिए कल रात ही पुलिस ने बांका सदर अस्पताल लाया। हालांकि आज सुबह 9:00 बजे तक उसका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। परिवार के लोग अस्पताल परिसर में मौजूद थे, लेकिन वे कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थे। लेकिन साथ गए कुछ लोग आक्रामक रूप से फंटूश की मौत के लिए बालू घाटों के ठेकेदार के लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने धोखा देकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया।
इस बीच स्थानीय सूत्रों ने बताया कि फंटूश यादव बालू ढोने वाले एक वाहन का चालक था। गोली उसकी कनपटी में लगी है। अगर बालू माफियाओं और पुलिस के बीच फायरिंग में उसे गोली लगी हुई होती तो जरूरी नहीं कि सिर्फ एक गोली उसकी कनपटी में लगती और उसकी मौत हो जाती। फंटूश की मौत से उसके गांव तथा आसपास भारी आक्रोश और असंतोष व्याप्त है।