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CORONA EFFECT : बंद हुआ तेलडीहा महारानी का दरबार, श्रद्धालु उड़ा रहे थे नियमों की धज्जियां

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बांका लाइव ब्यूरो : सुप्रसिद्ध तेलडीहा महारानी की पूजा श्रद्धालु अगले आदेश तक नहीं कर पाएंगे। तेलडीहा महारानी का दरबार अगले आदेश तक के लिए फिर से बंद कर दिया गया है। यह निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है। प्रशासन को जानकारी मिली थी कि तेडीहा महारानी के दर्शन एवं पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालु फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों और एपिडेमिक प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे थे।

जिला प्रशासन के आदेश से मंगलवार से ही तेलडीहा महारानी का दरबार अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर को त्रिपाल से ढक दिया गया है। मंदिर परिसर और उसके बाहर लगने वाले पूजा प्रसाद सामग्रियों की दुकानों को भी अलर्ट कर दिया गया है। उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि एपिडेमिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन हो।

मंदिर प्रबंधन समिति के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनलॉक वन लागू होने के बाद तेलडीहा शक्तिपीठ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। कपाट खुलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के मंदिर में पहुंचने का सिलसिला आरंभ हो गया। धीरे-धीरे यह परवान चढ़ता गया और लोग फिजिकल डिस्टेंसिंग के निर्देशों को पूरी तरह भूल गए।

मंदिर परिसर के भीतर और बाहर लगने वाली पूजा सामग्री की दुकानों, नाश्ता एवं जलपान गृहों आदि में भी फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं हेल्थ सेफ्टी गाइडलाइन का कोई पालन नहीं हो रहा था। क्षेत्र में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण से चिंतित जिला प्रशासन ने तेलडीहा मंदिर में श्रद्धालुओं की उपस्थिति और पूजा पाठ के दौरान होने वाले नियमों के उल्लंघन की समीक्षा की और अंततः तेलडीहा महारानी का दरबार एक बार फिर से बंद करने का निर्णय लिया गया।

वैसे मंदिर में आंतरिक पूजा पाठ जारी रहेगा। लेकिन इसमें आम श्रद्धालुओं को शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। माता के दरबार की आंतरिक पूजा प्रक्रिया नियमित पुजारी ही कर पाएंगे। प्रशासनिक नियमों का सख्ती से पालन हो, इसलिए स्थानीय सुरक्षा उपाय भी किए गए हैं।

तेलडीहा महारानी का दरबार न सिर्फ बांका और इसके सीमावर्ती मुंगेर जिले बल्कि पूरे बिहार और झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, असम व उड़ीसा में भी माता दुर्गा के एक प्रमुख सिद्ध शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है, जहां श्रद्धालुओं के आने का अनवरत सिलसिला सालों भर जारी रहता है। मंदिर परिसर में भारी भीड़ लगती है। सावन में यहां जलाभिषेक करने वालों का भी सिलसिला तेज हो जाता है। इन सारी स्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन को तेलडीहा शक्ति पीठ में आम श्रद्धालुओं के लिए पूजा पाठ की सुविधा बंद करने का निर्देश देना पड़ा है।


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