बांका लाइव ब्यूरो : कोरोना के कारण सरकार के राजस्व पर भी काफी मार पड़ी है l जहाँ सरकारी खजाने से कोरोना से निपटने के लिए किये जा रहे सरकारी उपायों में करोड़ों खर्च हो रहे हैं , वहीं सरकारी कार्यालयों के लगातार बंद होने से सरकारी कार्य ठप तो पड़े ही हैं, इसका सीधा असर सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी खूब पड़ा हैl
अगर सिर्फ निबंधन कार्यालय की ही बात की जाए तो कार्यालय के लगातार बंद रहने के कारण जमीन की खरीद बिक्री ऑनलाइन की सुविधा के बाद भी बंद है l गत वर्ष बांका निबंधन कार्यालय को 54 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था , जिसे अप्रैल माह तक पूरा नहीं किया जा सका था l
बांका की ही तरह भागलपुर निबंधन कार्यालय की भी कुछ इसी तरह की स्थिति है l भागलपुर निबंधन कार्यालय को वर्ष 2020-21 के लिये 183 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला था। कोरोना के मद्देनजर जमीन खरीद-फरोख्त की ऑनलाइन नंबर लगाने जैसी सुविधा भी गई थी l इसके पश्चात् भी तय लक्ष्य का 97 प्रतिशत राजस्व ही प्राप्त हो पाया था ।
इसी तरह का ही कुछ हाल कहलगांव और बिहपुर निबंधन कार्यालय का भी रहा। इस बार विभाग से किसी प्रकार का तय लक्ष्य नहीं मिला है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जमीन की खरीद-बिक्री की गति भी काफी धीमी है। इस वर्ष भी बीते वर्ष की भांति ही कोरोना की दूसरी लहर का असर मार्च के आखरी हफ्ते से ही लोगों के लोगों के जनजीवन पर दिखने लगा। अप्रैल में बहुत कम जमीन की खरीद बिक्री हुई। 5 मई से लॉकडाउन के चलते कार्यालय बंद है। अब सरकार का अगले दिशा निर्देश मिलने के बाद ही जमीन की खरीद-बिक्री शुरू की जा सकेगी l