सेंट्रल डेस्क : सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के साथ केंद्र सरकार की सोशल मीडिया के लिए जारी नई गाइडलाइंस को लेकर जो खींचतान चल रही है, उसका असर अब सरकार से जुड़ी शख्सियतों पर दिखना प्रारंभ हो गया है। सोशल मीडिया के माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के व्यक्तिगत अकाउंट को कुछ घंटे पूर्व अनवेरीफाइड याने असत्यापित कर दिया था। हालांकि फिर से उनके अकाउंट को सत्यापित करते हुए उनका ब्लू टिक बहाल कर दिया गया है।
खबरों के अनुसार समाचार एजेंसी ANI ने दो घंटे पहले ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी कि ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के व्यक्तिगत अकाउंट को अनवेरीफाइड करते हुए उनके अकाउंट में सत्यापन के निशान वाला ब्लू टिक हटा लिया है। हालांकि अब उपराष्ट्रपति के कार्यालय ने जानकारी दी है कि काफी दिनों से उनका अकाउंट इनएक्टिव था। इसलिए ट्विटर के एल्गोरिदम के अनुसार अकाउंट स्वतः अनवेरीफाइड हो गया था। कहा गया कि उपराष्ट्रपति के अकाउंट से गत वर्ष 23 जुलाई को ही आखरी बार ट्वीट किया गया था। शायद इसीलिए ऐसा हुआ। हालांकि अब सब ठीक-ठाक है।
इस बीच इस घटनाक्रम को लेकर लोग ट्विटर पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि उपराष्ट्रपति का अकाउंट काफी दिनों से एक्टिव नहीं था। शायद इसलिए ट्विटर ने उनके अकाउंट को अनवेरीफाइड किया हो। मतलब जितने लोग उतनी बातें। लेकिन इस घटनाक्रम के पीछे की सच्चाई क्या है, यह तो ट्विटर और सरकार ही जाने।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया के उपयोग और इसकी उपयोगिता को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है, जिसे ट्विटर फिलहाल मानने को तैयार नहीं। फलस्वरुप केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच विवाद पिछले कुछ दिनों में बढ़ा है। इस बीच इस नए घटनाक्रम ने संकेत दिया है कि यह मामला अभी और बढ़ेगा। क्योंकि अब तक जारी नई गाइडलाइन को ट्विटर ने अपनी हामी नहीं भरी है।
अभी कुछ ही रोज पूर्व कंटेंट फिल्टरिंग से जुड़े मामलों को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम वाले ऑफिस में छापामारी की थी। बीते दिनों खबर आई थी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने सत्यापन की प्रक्रिया को पुनरारंभ किया है जिसके तहत ट्विटर का उपयोग करने वाले यूजर फिर से अपने अकाउंट के सत्यापन एवं ब्लू टिक का निशान प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकेंगे। अपनी इस प्रक्रिया को ट्विटर ने पिछले कुछ वर्षों से रोका हुआ था।