बांका लाइव ब्यूरो : बिहार के बांका जिले में करमा पर्व पर बड़ी त्रासदी हुई है। भाई और बहन के संबंधों पर केंद्रित पवित्र लोक पर्व करमा धरमा को लेकर स्नान करने गए 5 बच्चे नदी में डूब गए। इनमें से दो बच्चों को किसी तरह निकाल लिया गया। लेकिन बाकी तीन बच्चियों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। वे लापता हैं। पानी में डूबे बच्चियों की तलाश में गोताखोरों को भी बुला लिया गया है। युद्ध स्तर पर उनकी तलाश जारी है।
दिल दहला देने वाला यह हादसा बांका जिला अंतर्गत धोरैया थाना क्षेत्र के खड़ौदा जोठा पंचायत अंतर्गत पोठिया गांव के समीप गहिरा नदी में हुआ है। गहिरा नदी के सुंदरकुंड घाट पर शुक्रवार को दोपहर बाद करमा पर्व को लेकर बड़ी संख्या में बच्चे बच्चियां स्नान के लिए पहुंचे थे। सभी बच्चे स्नान कर ही रहे थे कि इसी दौरान 5 बच्चे, जिनमें एक लड़का एवं चार लड़कियां शामिल थी, नदी के एक गहरे कुंड में डूब गए। इसके साथ ही घाट पर कोहराम मच गया। घटना की खबर सुन बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और डूबे हुए बच्चों को निकालने का प्रयास करने लगे।
काफी मशक्कत के बाद उनमें से दो बच्चों को पानी से जीवित निकाल लिया गया। निकाले गए दोनों बच्चे सगे भाई बहन बताए गए हैं। नदी में डूबी अन्य तीन बच्चियों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि अब तक उनकी मौत हो चुकी होगी! हालांकि उनकी तलाश के लिए गोताखोरों को बुला लिया गया है। गोताखोर लगातार बच्चियों की तलाश कर रहे हैं।
नदी में डूबने के बाद जो 3 बच्चियां लापता हैं, उनमें आजाद साह की 12 वर्षीय पुत्री कोमल कुमारी, कुंदन सिंह की 12 वर्षीय पुत्री अनुष्का कुमारी एवं हेमेंद्र प्रसाद सिंह की 11 वर्षीय पुत्री ईनु कुमारी शामिल हैं। इनमें कोमल कुमारी सातवीं कक्षा की जबकि ईनु कुमारी पांचवी कक्षा की छात्रा थी। अनुष्का कुमारी नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली छठी कक्षा की छात्रा बताई गई है। नदी से डूबे हुए जिन दो बच्चों 10 वर्षीय अमर कुमार एवं 8 वर्षीय अशिष्टिका कुमारी को जीवित निकाला गया है वे शंभू मालाकार के बच्चे बताए गए हैं। इस हादसे के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया है। लोक पर्व करमा के उत्साह को इस हादसे ने ठंडा कर दिया है। ज्ञात हो कि गत वर्ष भी करमा पर्व के अवसर पर स्नान के लिए गई कई बच्चियों की शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र में डूबने से मौत हो गई थी, जिसके बाद इलाके में कोहराम मच गया था।