बांका लाइव ब्यूरो : ‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता..’ की तर्ज पर बांका जिले के ज्यादातर क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर कायम बदहाली की कथा अनंत है। ऐसे में किसी एक सेंटर की बदहाली पर चर्चा समीचीन नहीं। लेकिन बात चली है, तो ताजा मामला सामने आया है अमरपुर प्रखंड के भीखनपुर मिडिल स्कूल क्वॉरेंटाइन सेंटर का, जहां सेंटर तो बना दिया गया लेकिन इस सेंटर पर कायम कुव्यवस्था से यहां रह रहे 4 दर्जन से ज्यादा लोग परेशान हैं।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक परसों गुरुवार से यहां क्वॉरेंटाइन के लिए लोगों के आने का सिलसिला जारी है। अब तक 50 से ज्यादा लोग यहां शरण लिए हुए हैं। ज्यादातर लोग भीखनपुर पंचायत के ही हैं। इनमें भी ज्यादातर संख्या बादशाहगंज के लोगों की है। कुछ लोग दूसरे पंचायतों के भी हैं। बताया गया कि यहां रह रहे अधिकतर लोग महाराष्ट्र एवं गुजरात जैसे रेड जोन एरिया से आए हैं।
लोगों ने बताया कि सेंटर में रहने और खाने के समुचित इंतजाम प्रशासन की ओर से नहीं किए गए हैं। क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोग स्थानीय हैं, इसलिए उन्हें उनके परिवार वाले घर से ही उन्हें भोजन पानी उपलब्ध करा रहे हैं। ओढ़ने बिछाने तक के लिए इंतजाम उनके घर से ही हो रहे हैं। विद्यालय परिसर में पीने के लिए पानी का समुचित इंतजाम नहीं है। एक साथ इतने लोगों के लिए शौचालय की भी समुचित व्यवस्था नहीं है।
घर के लोग जब अपने परिजन के लिए भोजन पानी लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचाने जाते हैं तो क्वॉरेंटाइन की अवधारणा पूरी तरह ध्वस्त हो जाती है। फिजिकल डिस्टेंसिंग की दीवार गिर जाती है। लोग आराम से एक दूसरे से मिलते जुलते हैं। यह सेंटर कहने भर को क्वॉरेंटाइन सेंटर रह गया है। इसका मलाल इस सेंटर में रह रहे लोगों और उनके परिजनों को भी है।
विदित हो कि भीखनपुर पंचायत मुख्यालय है और पंचायत सहित स्थानीय निकायों के आला जनप्रतिनिधि भी इसी गांव के रहने वाले हैं। लेकिन फिर भी क्वॉरेंटाइन सेंटर के ज्यादातर लोगों के पास मास्क तक नहीं है। वैसे तो इस जिले के कमोवेश ज्यादातर क्वॉरेंटाइन सेंटरों की यही हालत है, लेकिन इसे देखने सुनने की फुर्सत किसी को नहीं। अलबत्ता क्षेत्र के जागरूक लोगों को इसकी चिंता जरूर है और इस चिंता की फुसफुसाहट भी अब गूंजने लगी है।