विधि संवाददाता : बिहार स्टेट बार काउंसिल से एफिलिएटिड बांका जिला बार एसोसिएशन की प्रबंध समिति का चुनाव हर 2 वर्ष में होता है। इस चुनाव में 27 सदस्यों वाली एक पावरफुल कमेटी गठित होती है जो चुनाव के बाद आने वाले 2 वर्षों तक बार एसोसिएशन की तमाम आर्थिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों का नियंत्रण करती है। इस कमेटी में अध्यक्ष एवं सचिव के एक-एक पद के अलावा उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव, सहायक सचिव, कोषाध्यक्ष एवं कार्यकारिणी के 7 सदस्य भी शामिल होते हैं।
एसोसिएशन की निवर्तमान कमेटी का कार्यकाल संपन्न हो चुका है। नई प्रबंध समिति का चुनाव किया जाना है। इसके लिए तिथि की भी घोषणा की जा चुकी है। नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 8 अप्रैल नामांकन प्रक्रिया का आखरी दिन है। 15 अप्रैल को जिला बार एसोसिएशन परिसर में चुनाव होगा और इसी दिन शाम को मतगणना आरंभ होगी। माना जा रहा है कि अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष पद के विजेताओं के नाम इसी दिन घोषित हो जाएंगे। बाकी पदों की गिनती जरूरत पड़ने पर अगले दिन भी हो सकती है।
जारी अधिसूचना के मुताबिक जिला बार एसोसिएशन के इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर एक बार फिर वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र कुमार शर्मा बनाए गए हैं। नामांकन प्रक्रिया के मुख्य सहायक एवं पुस्तकालय प्रभारी सूर्य किशोर मिश्र ने बताया कि नामांकन करने वाले प्रत्याशियों के लिए एन आर लेने का काम 1 अप्रैल से ही आरंभ हो गया है। 5 अप्रैल से 8 अप्रैल तक नामांकन की तिथि निर्धारित की गई है। 9 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी और प्रत्याशियों की अंतिम सूची इसी दिन प्रकाशित की जाएगी।
जिला बार एसोसिएशन कि 27 सदस्य कमेटी का चुनाव होना है। इनमें अध्यक्ष एवं सचिव के एक-एक पद के अलावा उपाध्यक्ष के तीन, संयुक्त सचिव के तीन, सहायक सचिव के तीन, कोषाध्यक्ष के एक, विजिलेंस कमेटी के दो, अंकेक्षण कमेटी के दो तथा पुस्तकालय कमेटी के दो सदस्यों के चुनाव शामिल हैं। इनके अलावा कार्यकारिणी समिति के भी सात सदस्यों का चुनाव होना है। इस चुनाव के लिए मतदान जिला बार एसोसिएशन परिसर में 15 अप्रैल को होगा और इसी दिन संध्याकाल में मतगणना आरंभ होगी। कई पदों के रिजल्ट इसी दिन आने की संभावना है। जबकि कुछ पदों के परिणाम अगले दिन भी घोषित किए जा सकते हैं।
जिला बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर एसोसिएशन परिसर में गहमागहमी काफी बढ़ गई है। एसोसिएशन में चुनावी सरगर्मी के साथ-साथ सदस्य वकीलों की पूछ भी काफी बढ़ गई है। प्रत्याशियों की सक्रियता ने यह सरगर्मी बढ़ाई है। सदस्य वकील भी हर तरफ बस चुनाव की ही चर्चा कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में कई पुराने प्रत्याशी भी दोबारा ताल ठोक रहे हैं, तो कुछ नए प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में आ रहे हैं। संपूर्ण वकालत खाना परिसर इन दिनों चुनावी राजनीति का अखाड़ा बन गया है। प्रायः हर एक टेबल पर चुनाव की चर्चा हो रही है। कौन अध्यक्ष.. कौन सचिव.. और कौन कोषाध्यक्ष- इस बात को लेकर गुटीय गोलबंदी होने लगी है। प्रत्याशी जहां अपने अपने हिसाब से इस गोलबंदी को अपने पक्ष में करने की कोशिश में लगे हैं, वहीं सदस्य वकीलों की ओर से भी इस मौके का लुत्फ उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा।