ब्यूरो रिपोर्ट : बांका नगर परिषद एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार इसकी वजह राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार का वह आदेश है जिसमें बांका नगर परिषद के उपाध्यक्ष अनिल सिंह के निर्वाचन को अवैध घोषित करते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है।
आयोग ने उपाध्यक्ष अनिल सिंह की पत्नी एवं वार्ड पार्षद माधुरी सिंह एवं उनके पुत्र एवं बांका नगर परिषद के अध्यक्ष रौनक सिंह के खिलाफ भी चुनाव में गलत शपथ पत्र दाखिल करने के आरोप में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी बांका को कार्रवाई का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि इस संबंध में एक मामला राज्य निर्वाचन आयोग में चल रहा था। बांका नगर परिषद के एक वार्ड पार्षद संतोष सिंह ने इस बारे में राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
दर्ज शिकायत में बांका नगर परिषद के उपाध्यक्ष अनिल सिंह पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने वर्ष 2007 के चुनाव में अपने नामांकन पत्र में अपनी इस शैक्षणिक योग्यता एमबीबीएस जबकि वर्ष 2018 के चुनाव के दौरान अपने नामांकन में उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता सिर्फ मैट्रिक दर्शायी थी।
आयोग में दर्ज शिकायत के मुताबिक उपाध्यक्ष अनिल सिंह की पत्नी माधुरी सिंह तथा पुत्र रौनक सिंह के नामांकन पत्र में भी गलत शपथ पत्र दाखिल करने का आरोप लगाया गया था। दर्ज शिकायत में कहा गया कि इन्हीं गलत शपथ पत्रों के आधार पर उन्होंने नामांकन का पर्चा भरा और निर्वाचित हुए। यह बिहार नगर पालिका एक्ट 2007 की संशोधित धारा 447 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार ने 2 मार्च को उपर्युक्त आदेश पारित किया। पारित आदेश में बांका नगर परिषद के उपाध्यक्ष अनिल सिंह के निर्वाचन को अवैध घोषित करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। जबकि गलत शपथ पत्र के साथ दर्ज नामांकन पर निर्वाचित होने पर उनकी पत्नी वार्ड पार्षद माधुरी सिंह तथा पुत्र बांका नगर परिषद के चेयरमैन रौनक सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी बांका को दिया गया है।