बांका लाइव ब्यूरो : लोकतंत्र में मतदान एक बेहद संवेदनशील प्रक्रिया है। यह नागरिकों का एक पवित्र अधिकार है। जब इस पर कोई अनाधिकार कब्जा करे तो हंगामा कैसे ना हो! बांका जिले के अमरपुर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ पर ऐसे ही एक मामले को लेकर अभी कुछ देर पूर्व जमकर हंगामा हुआ जहां वोटरों की बजाए उनकी जगह पीठासीन पदाधिकारी अपने हिसाब से एक प्रत्याशी विशेष के पक्ष में ईवीएम का बटन दबा रही थी।

जानकारी के अनुसार अमरपुर विधानसभा क्षेत्र के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत डुमरामा स्थित बूथ संख्या 214 (क) से स्थानीय मीडिया कर्मियों को सूचना मिली कि वहां एक पीठासीन पदाधिकारी ही मतदाताओं के बदले वोटिंग कर रही है। पत्रकारों की टीम सूचना पाते ही फौरन वहां पहुंची तो स्वयं अपनी आंखों से स्थिति देख वे दंग रह गए।
दरअसल डुमरामा में 4 बूथ हैं, जिनमें से दो महिला बूथ हैं। इन दोनों में से एक महिला बूथ पर एक बुजुर्ग महिला टीचर पीठासीन पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित हैं। स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक पीठासीन पदाधिकारी की सहायता के लिए भी एक महिला सहायक शिक्षक को बूथ पर प्रतिनियुक्त किया गया है।
स्थानीय कुछ वोटरों ने बताया की बूथ से जुड़ी कई महिला वोटरों को पर्ची दिए जाने के बाद पीठासीन पदाधिकारी स्वयं उठकर मतदान कक्ष में जा रही थी और वोटर की जगह स्वयं एक खास प्रत्याशी के लिए ईवीएम का बटन दबा दे रही थी। यह स्थिति बूथ पर पहुंचने के बाद स्थानीय पत्रकारों ने भी देखा। कुछ पत्रकारों ने इस पर पीठासीन पदाधिकारी से सवाल किए।
पत्रकारों के सवालों पर महिला पीठासीन पदाधिकारी ने कहा वह वोटरों की सहायता कर रही हैं। जब पत्रकारों ने कहा कि सहायता के लिए उनके परिवार के सदस्य काफी हैं तो पीठासीन पदाधिकारी ने तर्क देना शुरू किया। इस पर हंगामा मच गया। स्थिति की नजाकत को देखते हुए बूथ पर तैनात मजिस्ट्रेट ने हस्तक्षेप किया और विवाद को सुलझाने की कोशिश की।
महिला पीठासीन पदाधिकारी ने भी तब तक अपनी गलती स्वीकार कर ली और आगे से ऐसा ना करने की बात कही। बूथ पर तैनात दंडाधिकारी ने भी आगे इस तरह की कोई भी स्थिति उत्पन्न न होने देने की बात अपनी ओर से कही। लेकिन इससे पहले पीठासीन पदाधिकारी अनेक महिला वोटरों को पर्ची दिए जाने के बाद उनके स्वयं के मतदान के पवित्र अधिकार पर बट्टा लगा चुकी थी।