बांका लाइव ब्यूरो : 50 वर्ष से अधिक उम्र के राज्य कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दिए जाने तथा संविदा कर्मियों को लेकर अशोक चौधरी कमेटी की अनुशंसा के विपरीत कभी भी हटा दिए जाने से संबंधित राज्य सरकार के नए आदेश को लेकर कर्मचारी संघों में भारी उबाल है। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की बांका जिला इकाई के तत्वावधान में इस मसले को लेकर आंदोलन तेज कर दिया गया है।
राज्य सरकार के इन आदेशों के खिलाफ महासंघ की बांका जिला शाखा के सदस्यों ने जिला समाहरणालय के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार की कथित कर्मचारी विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की। इस अवसर पर महासंघ द्वारा राज्य सरकार के संबंधित आदेशों की प्रतियां भी जलाई गई।
इस मौके पर महासंघ के जिला मंत्री सनत कुमार ठाकुर, अध्यक्ष अजीत एवं वरीय उपाध्यक्ष अजय कुमार चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियां पूर्णतया कर्मचारी विरोधी हैं। केंद्र सरकार की नीतियों में भी कर्मचारी विरोध स्पष्ट दिखता है। इनके खिलाफ भारी आंदोलन की जरूरत है, जिसके लिए हमें अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। क्योंकि तभी कर्मचारी अपने भविष्य की रक्षा कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकारें वेतन में कटौती, महंगाई भत्ता को फ्रीज करने, श्रम कानून में संशोधन कर नियोक्ता का हित साधने, छात्र विरोधी नई शिक्षा नीति पारित करने तथा तीन काले कृषि कानूनों को पारित कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने में लगी हुई हैं। इन सब का विरोध करने के लिए महासंघ द्वारा आगामी 26 फरवरी को प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा। यही नहीं, आंदोलन को और भी तेज धार दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बांका जिला चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेता हरे कांत झा, जितेंद्र प्रसाद सिंह, नरेंद्र कुमार पाठक, सुबोध यादव, मृत्युंजय सिंह, मनोज कुमार, रामकुमार सिंह, अख्तर हुसैन, उपेंद्र यादव, सच्चिदानंद सिंह, दिवाकर मंडल, राजेश कुमार, सुनील कुमार, गणेश चौधरी, अनिल झा, घनश्याम मंडल आदि ने भाग लिया।