बिहार के बांका जिले में व्यापार मंडल का यह गोदाम समूह अभिशप्त है! इस गोदाम में एक के बाद एक महीनों से आग भड़क रही है। लाखों के अनाज जल कर नष्ट हो रहे हैं। लेकिन इन्हें देखने सुनने वाला कोई नहीं। इस स्थिति के लिए सिस्टम को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। मामला बांका जिला अंतर्गत अमरपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित व्यापार मंडल के गोदाम समूह से जुड़ा है।
बांका लाइव ब्यूरो : ताजा खबर यह है कि सोमवार की रात व्यापार मंडल के एक और गोदाम में आग भड़क गई। आग इतनी तेजी से फैल रही है कि यदि इस पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया तो इस गोदाम का ही वजूद नष्ट हो सकता है। भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले को लेकर चल रहे वाद की वजह से यह गोदाम ऑफीशियली सील है। इस गोदाम के तीन अलग-अलग भवन हैं। इनमें से एक भवन में पहले से आग लगी हुई है जहां लाखों के अनाज जलकर राख हो चुके हैं।
दरअसल, व्यापार मंडल के इस गोदाम के एक बड़े हिस्से में चावल कुटाई के लिए मीलिंग का काम भी होता था। इस हिस्से में बड़े पैमाने पर धान के भंडार रखे हुए थे। इसमें महीनों से आग लगी हुई है। आग की चपेट में आकर ना सिर्फ इस गोदाम में रखे अनाज, बल्कि राइस मिल वाली मशीनें भी जलकर नष्ट हो चुकी हैं।
एक अन्य गोदाम भवन में जो धान रखा था, उसे गलत तरीके से बेच दिए जाने की बात कही गई है। फलस्वरूप इस मामले में केस दर्ज हुआ था। मामले की पड़ताल चल रही थी। लिहाजा गोदाम को प्रशासनिक स्तर पर सील कर दिया गया था। अब इस गोदाम समूह में लग रही आग को लेकर यहां चर्चा है कि साक्ष्य को मिटाने के लिए एक साजिश के तहत गोदाम में आग लगाई जा रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बारे में किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं है।
व्यापार मंडल से जुड़े एक जानकार के मुताबिक गोदाम में 37 हजार क्विंटल धान रखे होने थे। लेकिन जब भौतिक सत्यापन किया गया था तब सिर्फ 12 हजार क्विंटल धान ही गोदाम में पाए गए। 25 हजार क्विंटल धान का घपला जांच के बाद उजागर हुआ, जिसे लेकर व्यापार मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले के बाद गोदाम को सील करने की कार्रवाई की गई थी।
इधर गोदाम में लगातार लग रही आग और जल रहे अनाज से हो रही सरकारी राजस्व को क्षति की खबरें चर्चा में आने के बाद जिला मुख्यालय से कुछ अधिकारियों ने इस गोदाम का भौतिक सत्यापन किया था। तब बताया गया था कि ये अधिकारी आग लगने के कारणों का पता करने वहां पहुंचे थे। हालांकि इसके बाद क्या हुआ, किसी को नहीं मालूम। इधर बताते हैं कि गोदाम में आग लगने पर जब फायर ब्रिगेड को सूचना दी जाती है तो कहा जाता है कि पूरा धान गोदाम से खाली करने के बाद ही आग पर मुकम्मल काबू पाया जा सकता है।
दूसरी तरफ व्यापार मंडल से जुड़े अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि कहते हैं कि मामला न्यायालय में है। इसलिए इस सिलसिले में उनके स्तर से कुछ भी कर पाना संभव नहीं। विभागीय अधिकारी और व्यापार मंडल के निर्वाचित प्रतिनिधि जिन्हें आज तक गोदाम का प्रभार नहीं मिला, कहते हैं कि न्यायालय में चल रहे विवाद की वजह से वे धान को इधर-उधर नहीं कर सकते।
बहरहाल, सोमवार की रात अमरपुर व्यापार मंडल के समीपवर्ती दूसरे गोदाम में आग भड़क जाने से धान का जलना लगातार जारी है। आग की वजह से गोदाम के स्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंच रहा है। धुएं से आसपास का माहौल दूषित हो रहा है। स्थानीय लोग इस स्थिति से परेशान हैं। मामले की जानकारी ले देकर स्थानीय लोगों द्वारा फायर ब्रिगेड और व्यापार मंडल के निर्वाचित अध्यक्ष को दी जाती है और दोनों ही पक्षों से इस मामले में कुछ ज्यादा कर पाने को लेकर अपनी अपनी मजबूरी बताई जाती है। लिहाजा अनाज जलकर राख हो रहा है। लेकिन किसी को कुछ नहीं पड़ी। स्थानीय लोग कहते हैं कि जो एक-एक दाने के लिए मोहताज हैं, उनसे अनाज की कीमत पूछ लीजिए। लेकिन गोदाम में जल रहे अनाज की कीमत जैसे किसी के लिए कुछ भी नहीं!