बांका लाइव ब्यूरो : बांका जिले में कोरोना जांच की गति फिलहाल शिथिल पड़ गई है। फिर भी जो जांच चल रही और रिपोर्ट आ रहे हैं, उसके मुताबिक जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं। प्रवासी श्रमिकों के बांका आगमन के बाद जिले की स्थति कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशील हो गई है। इस तथ्य को जिले में कोरोना से संबंधित आंकड़े भी रेखांकित करते हैं।
बांका जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 137 हो चुकी है। रविवार को इस जिले में दो किस्तों में आई जांच रिपोर्ट में चार नए कोरोना पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई। स्वस्थ विभाग के राज्य मुख्यालय द्वारा रविवार को किए गए पहले अपडेट में बांका में तीन नए कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के मिलने की पुष्टि की गई थी। जबकि दोपहर बाद किए गए दूसरे अपडेट में इसी जिले में एक और संक्रमित पाए जाने की पुष्टि हुई।
स्वास्थ विभाग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 7 जून को बांका सदर प्रखंड के केमासार गांव में 20 वर्षीय एक युवक के कोरोनावायरस संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी। लेकिन शाम होते-होते इसी गांव के एक अन्य 20 वर्षीय युवक में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि स्वास्थ विभाग के बुलेटिन में की गई। रविवार को रजौन प्रखंड के फ़ैज़पुर एवं झिटका में भी क्रमशः 60 एवं 30 वर्षीय पुरुष के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी।
स्वयं आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बांका जिले में अब तक तेरीकरीब पचास हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न क्षेत्रों से आ चुके हैं। बांका जिले में कोरोना टेस्ट की कोई सुविधा नहीं रही। सारा दारोमदार आरएमआरआई पटना पर केंद्रित था। बाद में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोरोना टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई। लेकिन वहां भी दो-चार दिनों के अंदर व्यवस्था दम तोड़ गई। टेस्ट किट के अभाव में वहां कोई जांच हो नहीं रही है।
ऐसे में एक बार फिर कोरोना जांच का समस्त भार आरएमआरआई पटना पर पड़ गया है, जहां आवश्यक संसाधनों एवं सुविधाओं के अभाव में जांच रोटेशन के आधार पर होने लगी है। यही वजह है कि विगत 2 दिनों तक बांका जिले में कोरोना टेस्ट की प्रक्रिया बिल्कुल ठप रही। सनद रहे कि बांका जिले में पाए गए कोरोना संक्रमित मरीजों में से इक्के दुक्के को छोड़ बाकी सभी प्रवासी श्रमिकों के मामले हैं।