बांका लाइव डेस्क : बांका को भागलपुर जिले से जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण अमरपुर- अकबरनगर स्टेट हाईवे राज्य सरकार के तमाम दावों को मुंह चिढ़ा रहा है। इस हाईवे का पुनर्निर्माण एक वर्ष पूर्व शुरू हुआ था जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। दरअसल इस स्टेट हाईवे की बदहाली राज्य सरकार और बांका व भागलपुर जिला प्रशासन की नाकामयाबी का एक बड़ा नमूना बनकर रह गया है।
यह स्टेट हाईवे बांका तथा भागलपुर बल्कि मुंगेर जिले को भी आपस में जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग के महत्व का सहज अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1995 में बाढ़ में बांका- ढाकामोड़- रजौन- पुनसिया- जगदीशपुर होकर भागलपुर जाने वाली सड़क के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने के बाद अमरपुर- अकबरनगर स्टेट हाईवे ही बांका जिले को राज्य के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए सड़क मार्ग का एकमात्र विकल्प बचा था।
आज इस मार्ग की स्थिति यह है कि इस पर से होकर लोगों का पैदल आना जाना भी मुश्किल हो रहा है। वाहन लेकर इस मार्ग पर सिर्फ जान जोखिम में डालकर ही चला जा सकता है और ऐसा इस पर आने जाने वाले लोग भी मानते हैं। एक साल पूर्व इस सड़क का पुनर्निर्माण कार्य आरंभ हुआ था। निर्माण एजेंसी ने आरंभिक महीने में फुर्ती दिखाई और न सिर्फ एक के बाद एक पुल- पुलिए तोड़ दिए, बल्कि सड़क को भी अधिकांश हिस्सों में उखाड़ कर रख दिया।
यह स्थिति आज भी जस की तस है। निर्माण एजेंसी को इस बात की फिक्र नहीं कि सड़क निर्माण का कार्य पूरा भी करना है। पता नहीं क्यों, बाद में एजेंसी ने इस हाइवे के निर्माण को शिथिल कर दिया! बांका जिले के अमरपुर क्षेत्र में पड़ने वाले इस पथ में बैजाचक, डुमरिया, संग्रामपुर एवं मेढ़ियानाथ के पास बड़े पुल थे, जिन्हें निर्माण एजेंसी ने तोड़ कर रख दिया है। चपरी के पास एकमात्र पुल जरूर बनकर तैयार है, लेकिन यह चालू नहीं हो सका है।
जहां यह हाईवे गांवों से होकर गुजरा है, वहां पीसीसी रोड बना दिए गए हैं। बाकी हिस्सों में रोड की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जो पुल तोड़ कर रख दिए गए हैं, वहां डायवर्सन नहीं है। मेढ़ियानाथ के पास पुल उस नाले पर बना था, जिससे होकर बड़ी बांध और बुढ़िया बांध के पानी का तेज बहाव होता है। बारिश आने वाली है। ऐसे में इस बदहाल सड़क और बिना डायवर्सन बनाए तोड़ दिए गए पुलों से होकर लोगों का आवागमन किस प्रकार हो सकेगा, इस बात को लेकर क्षेत्र के लोगों में भारी चिंता व्याप्त है।