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बांका लाइव ब्यूरो : सावन की अंतिम सोमवारी यानी श्रद्धा- भक्ति और समर्पण की पराकाष्ठा..! सुबह से ही सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर कांवरियों का जत्था ताबड़तोड़ बांका जिले के विभिन्न हिस्सों में चलते हुए ‘बोलबम’ का नारा बुलंद कर रहा है। ज्यादातर कांवरिया भागलपुर और सुल्तानगंज के विभिन्न गंगा घाटों से जल भरकर यहां पहुंच रहे हैं। जिले के विभिन्न शिवालयों में वे बाबा का जलाभिषेक कर रहे हैं।
कोरोना गाइडलाइंस और प्रोटोकोल की वजह से इस वर्ष भी कांवरिया यात्रा पर प्रशासनिक रोक है। यही वजह है कि सुल्तानगंज स्थित गंगाधाम से देवघर (झारखंड) स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम एवं दुमका के बाबा बासुकीनाथ धाम तक लगने वाला सुप्रसिद्ध श्रावणी मेला इस बार भी नहीं लगा। एक ओर जहां पारंपरिक श्रावणी मेला पथ इस बार सुनसान पड़ा है, वहीं दूसरी ओर गंगा घाटों से लेकर बांका जिले के विभिन्न शिवालयों तक पहुंचने वाले मार्ग ‘बोलबम’ के नारों से गुंजायमान हो रहे हैं।
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आज सावन की अंतिम सोमवारी होने की वजह से जिले की विभिन्न सड़कों पर कांवरिया यात्रियों की भीड़ चल रही है। भागलपुर एवं सुल्तानगंज के विभिन्न गंगा घाटों से पवित्र जल लेकर बांका जिले के विभिन्न शिवालयों तक पहुंचने वाले इन कांवरियों के मुखारविंद से निकल रहे बोलबम के नारे से यहां संपूर्ण वातावरण गुंजायमान हो रहा है।
बांका शहर के सुप्रसिद्ध बाबा भयहरण स्थान, एवं प्राचीन जेठौरनाथ धाम के अलावा जिले के श्यामबाजार, चुटोनाथ धाम, किशोरीनाथ धाम, पहाड़ी बाबा, कैलाशनाथ धाम, विश्वंभरनाथ धाम, लबोखरनाथ, धनकुंडनाथ धाम आदि सुप्रसिद्ध शिवालयों में बड़ी तादाद में कांवरिया गंगाजल लेकर पहुंच रहे हैं। अनेक कांवरियों ने इस अवसर पर बताया कि बैद्यनाथ धाम एवं बासुकीनाथ धाम की कावड़ यात्रा पर रोक लगाए जाने की वजह से वे इस बार क्षेत्रीय शिव मंदिरों में गंगाजल से अभिषेक कर अपना संकल्प पूरा कर रहे हैं।