बांका लाइव ब्यूरो : बांका जिले का लाइफ लाइन कहे जाने वाले चांदन पुल के पिछले दो वर्षों से ध्वस्त रहने की वजह से बांका से भागलपुर या झारखंड की ओर जाने वाले वाहनों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। भागलपुर से झारखंड के देवघर या अन्य जिलों को जाने वाले वाहनों को भी मार्ग बदलकर लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। ऐसे में वाहनों के परिचालन के लिए जेठौरनाथ पुल होकर पुनसिया के पास भागलपुर- दुमका मुख्य मार्ग से संपर्क एक काम चलाऊ विकल्प है।
लेकिन त्रासदी यह है कि मोटे तौर पर इस मार्ग पर बालू के परिवहन से जुड़े ट्रकों और ट्रैक्टरों का कब्जा है। चांदन नदी से होने वाले बालू के वैध या अवैध उत्खनन के बाद उन्हें लोड कर ढोने वाले वाहनों की लगातार आवाजाही की वजह से एक तो यह रोड बिल्कुल जर्जर हो चुका है, जेठौरनाथ पुल की स्थिति भी कुशल नहीं रह गई है, ऊपर से आए दिन इस मार्ग पर ओवरलोड वाहनों के फंसने या पलटने की वजह से यह मार्ग कब जाम हो जाए, कहा नहीं जा सकता!
इसी तरह के एक वाकये में मंगलवार को एक बालू लोड ट्रक के कठैल के पास फंस जाने से इस मार्ग पर घंटों यातायात ठप रहा। ट्रक पर बालू ओवरलोड था, जिसे अनलोड कर ट्रक को निकालने की कोशिश जारी थी। इस दौरान बड़ी संख्या में सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। बालू लोड कर ट्रांसपोर्टेशन करने वाले ट्रैक्टर तो जैसे तैसे इधर उधर से निकल कर अपना काम चला रहे थे, लेकिन फोर व्हीलर वाहनों को या तो जाम की वजह से अपना रास्ता बदलना पड़ा या फिर घंटों इंतजार करना पड़ा।
इस मार्ग पर यह दृश्य अब रोजमर्रा की बात बन कर रह गया है। अक्सर इस मार्ग पर जाम लगते हैं और जो लोग अपने वाहन लेकर भागलपुर या झारखंड के गोड्डा, दुमका आदि जिलों की ओर जाना चाहते हैं, उन्हें कई बार एक लंबी दूरी तय करने के बाद भी जाम की वजह से निराशा झेलनी पड़ती है। इस मार्ग पर अक्सर जाम की मुख्य वजह ओवरलोड वाहनों का परिचालन और बेतहाशा परिचालन ही है। क्षेत्र के लोग इस स्थिति से परेशान हो चुके हैं। कई बार स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को भी इस बारे में सूचना दी है। लेकिन ना तो इस मार्ग पर ओवरलोड वाहनों का परिचालन रुक रहा और ना ही लोगों की परेशानी ही कम हो रही है।