बांका : मौसम की बेरुखी और इसके लगातार बदलते मिजाज की वजह से बांका तथा आसपास के क्षेत्रों में दशहरे का उत्साह फीका पड़ रहा है। शुक्रवार की दोपहर बाद इस क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार की सुबह तो खिली धूप से हुई लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही आसमान में बादल घिर आए। कई जगह बूंदाबांदी भी शुरू हो गयी।
इससे लोग दुर्गा पूजा के अवसर पर खासकर महाअष्टमी से लगायत विजयादशमी तक के मौसम को लेकर सशंकित और सहमे हुए हैं। नदियों और पहाड़ों से घिरे बांका जिले तथा आसपास के क्षेत्रों में शरद ऋतु के उत्तरार्ध एवं हथिया नक्षत्र में मौसम का यह मिजाज हालांकि नया नहीं है।
वैसे भी इस क्षेत्र में एक कहावत है.. ‘हथिया बरसे चित (चित्रा) मड़राय, यह देख किसान इतराए’। जाहिर है इस नक्षत्र में बारिश पानी की संभावना अप्रत्याशित नहीं। लेकिन इस बार जो मौसम का मिजाज बना है, उसने ऐन दशहरे के अवसर पर लोगों के उत्साह और उत्सवी माहौल को प्रभावित किया है।
मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से दशहरा मेले को लेकर भी फिलहाल उस स्तर पर तैयारियां नहीं चल पा रही, जैसा सामान्य मौसम में होता है। श्रद्धा और भक्ति का माहौल तो दुर्गा पूजा को लेकर परवान चढ़ रहा है, लेकिन उत्सव का माहौल रह रह कर सहम रहा है।