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BIHAR : दिग्गज राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने नीतीश सरकार को लेकर की है ये चौंकाने वाली भविष्यवाणी!

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बांका लाइव ब्यूरो : पूर्व केंद्रीय मंत्री व दिग्गज राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने बिहार में भाजपा की मदद से चल रही नीतीश सरकार को लेकर चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा है कि यह सरकार अल्पायु है, जिसका कोई भविष्य नहीं। अपने ही कारणों से यह सरकार कभी भी और किसी भी समय जा सकती है।

जयप्रकाश नारायण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, राजद नेता

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि पूरे देश में बिहार एक ऐसा प्रदेश है जहां के लोग ‘सुशासन’ शब्द से डरने लगे हैं। यहां के लोगों को कथित ‘सुशासन’ से डर लग रहा है। राज्य में अपराधियों का बोलबाला है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बिहार में नहीं रह गई है। इस पर सरकार खामोश है और इस खामोशी के पीछे उसकी अपनी मजबूरी है।

हालांकि बिहार में यह नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा कि बिहार में सत्तासीन नीतीश सरकार एक डेमोरलाइज सरकार है। यह छल प्रपंच की चासनी में डूबी हुई सरकार है। यह सरकार जनमत से हारी हुई सरकार है। जनमत राजद नेता तेजस्वी यादव के पक्ष में मिला है। लेकिन सत्ता सुख के लिए छल प्रपंच की सरकार बनी।

वरिष्ठ राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि बिहार में कानून और व्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। जंगलराज का हौव्वा फैलाकर राज्य के लोगों को भ्रमित करने वाले दलों की सरकार ने बिहार में आज स्वयं असली जंगलराज कायम कर रखा है। निजी विमानन कंपनी के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या से पूरा बिहार दहला हुआ है। इस हत्याकांड को एक सप्ताह बीत गए हैं लेकिन इस कांड का अब तक उद्भेदन नहीं हो पाया है। बल्कि उद्भेदन के नाम पर एक मनगढ़ंत कहानी रची जा रही है।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में अपराध और अपराधियों का बोलबाला है। राज्य के हर जिले में अपराधियों ने तांडव मचा रखा है। सरकार का पुलिस और प्रशासन पर से नियंत्रण खो चुका है। पुलिस ऐसे मामलों को निपटाने में विफल साबित हो रही और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। यह सरकार ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं। यह अल्पायु की सरकार है। अपने ही कारणों से कभी भी इस सरकार का जाना तय है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने सवाल किया कि जो सरकार किसानों को आतंकवादी और नक्सली कहती हो, उसे सत्ता में रहने का क्या हक है? जिस दल की आईडियोलॉजी के विरोध के एजेंडे को अपनी राजनीति का आधार बनाया, उसी के साथ सत्ता के लोभ में सरकार बनाने का उस दल को क्या हक है? जिस दल और सरकार के मुखिया ने कोरोना का में लॉकडाउन के दौरान बिहारी प्रवासी मजदूरों के हित की अनदेखी कर उन्हें सड़कों पर उपेक्षित छोड़ दिया, उन्हें सरकार की नुमाइंदगी करने का क्या हक है?


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