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KATORIA, BANKA : पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज, चार पंचायतों का बदला समीकरण

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रितेश सिंह / कटोरिया : बांका जिले में पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो गई हैं। पंचायतों व गांवों में भी सरगर्मी परवान चढ़ने लगी हैं। पहले चरण में धोरैया प्रखंड के पंचायतों के विभिन्न पदों एवं जिला परिषद क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने का दौर जारी है। वहीं मंगलवार से दूसरे चरण में बांका प्रखंड में होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया जा रहा है।

आठवें चरण में कटोरिया के 15 पंचायतों में 15 मुखिया व सरपंच, 23 पंचायत समिति सदस्य, दो जिला परिषद सदस्य एवं 202 वार्ड सदस्य के पद के लिए 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किया जाएगा। जबकि मतदान की तिथि 24 नवंबर को निर्धारित है। जिसमें कुल 110811 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें 58553 पुरुष एवं 52258 महिला मतदाता शामिल हैं।

नगर पंचायत बनने से बदला चार पंचायतों का समीकरण
गत 26 दिसम्बर 2020 को कटोरिया के नगर पंचायत बनने से इस बार प्रखंड के चार पंचायतों का समीकरण बदल गया है। कटोरिया नगर पंचायत में शामिल पूर्व के कटोरिया पंचायत के वार्ड नं 5 से 14 तक, पूर्व के कठौन पंचायत के वार्ड नं 3 से 8 तक, पूर्व के घोरमारा पंचायत के वार्ड 6 से 11 तक एवं देवासी पंचायत के सिर्फ एक वार्ड नं 2 के मतदाता इस बार पंचायत चुनाव से बाहर हैं।

नगर पंचायत बनने के बाद नए ग्राम पंचायत बन गए हैं। पूर्व ग्राम पंचायत कटोरिया के वार्ड नं 1 से 4 तक को हड़हार पंचायत में शामिल कर दिया गया है। जबकि नगर पंचायत में शामिल होने के बाद पूर्व के कठौन पंचायत के शेष बचे वार्ड को मिलाकर अब डोमसरणी ग्राम पंचायत, पूर्व के घोरमारा पंचायत में शेष बचे वार्ड को मिलाकर अब तरगच्छा ग्राम पंचायत बन चुका है। चारों पंचायतों के भौगोलिक स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित यही दो पूर्व के पंचायत है। दोनों पंचायतों की आधी आबादी नगर पंचायत में शामिल हो गई है।

संभावित उम्मीदवारों के वादों का दौर शुरू
पंचायत चुनाव की रणभेरी बजते ही संभावित उम्मीदवारों के वादों का दौर शुरू हो गया है। पुराने मुखिया व पंचायत प्रतिनिधि अपने कुर्सी को बचाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं तो, नए संभावित उम्मीदवार पुराने की नाकामयाबी का हवाला देकर मतदाताओं को सतर्क कर रहे हैं।

सभी जनता से एक मौका मिलने पर बेहतर काम करने की बात कह रहे हैं। हर कोई दूसरे को बेईमान दिखाकर अपने को जनता का मसीहा साबित करने में जुटा हुआ है। इस बार मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में हुए काम या गड़बड़ी ही प्रचार के दौरान ज्यादा चर्चा में है। लोग अपने-अपने तरीके से विभिन्न पदों पर, किसी होगी जीत और किसकी होगी हार, का अनुमान लगा रहे हैं।

वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो चुनाव मैदान से तो बाहर हैं, लेकिन उनके पास जनता का समर्थन ज्यादा है और चुनाव प्रचार में उनकी सक्रियता दावेदारों से भी अधिक है। इस बार सबसे दिलचस्प वार्ड सदस्य का चुनाव नजर आ रहा है। वार्ड सदस्य के पद के लिए पहली बार इतने ज्यादा संभावित उम्मीदवार प्रचार करते दिख रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण है पंचायत स्तर पर सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं में वार्ड सदस्य का अधिकार बढ़ गया है। लोगों को अब वार्ड सदस्य के पद पर भी मोटी कमाई दिख रही है। इधर दावेदारों की सक्रियता देख अब गांवों की जनता भी इलेक्शन मोड में आ चुकी है।


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