बांका लाइव ब्यूरो : एक बार फिर से ममता का कत्ल हुआ है। इस बार यह पाप बांका जिले की दक्षिण पूर्वी सीमा पर स्थित पगवारा पहाड़ी के निकट हुआ है। पहाड़ी के समीप एक नवजात शिशु लावारिस हालत में पाया गया। पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया और चिकित्सकीय जांच कराई। शिशु को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डीएमसीएच भेजा गया है।
इस पूरे मामले में हंसडीहा पुलिस की भूमिका उल्लेख्य रही है। बताया गया कि हंसडीहा पुलिस गस्ती पर निकली थी। इस दौरान गश्ती दल के सदस्यों ने नेशनल हाईवे के किनारे पगवारा पहाड़ के समीप लावारिस हालत में एक नवजात शिशु को पड़ा पाया। इस बात की सूचना आस पास पहुंची तो कुछ स्थानीय लोग भी वहां पहुंच गए।
नवजात मानव शिशु को लावारिस फेंकने या उनकी हत्या के खिलाफ कानूनी दंड का प्रावधान है। लेकिन ऐसे मामलों में पुलिस प्राथमिकी तक दर्ज करने से बचती है। कानून का पालन कराने वाली संस्था के इस पंगुपन पर समाज और बहुत सारे मामलों में समाज की ठेकेदारी करने का दंभ भरने वाले सामाजिक संगठन भी ना जाने क्यों मौन रह जाते हैं!
पुलिस गश्ती दल के सदस्य जब लावारिस हालत में पड़े नवजात के पास पहुंचे, उस वक्त शिशु रो रहा था। पुलिस ने शिशु को उठा लिया और स्थानीय स्तर पर उसकी चिकित्सकीय जांच कराई। बाद में पुलिस उसे लेकर दुमका चली गई जहां बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शिशु को डीएमसीएच भेज दिया गया।
हाल ही में बांका जिला अंतर्गत अमरपुर कस्बे के बस स्टैंड के समीप पुल के नीचे से दो नवजात का शव बरामद किया गया था। आखिर कौन करता है इस तरह ममता का कत्ल? समाज ऐसे कुकृत्य पर पाबंदी क्यों नहीं लगाता? नैतिक रूप से यह सिर्फ पाप ही नहीं, बल्कि कानूनन जुर्म भी है। लेकिन आमतौर पर ऐसे मामलों में न सिर्फ समाज बल्कि पुलिस भी मौन रह जाती है।