अपराध
BANKA : एक के बाद एक लगातार हो रही मौतों से दहला बांका
BANKA Live : यद्यपि जिंदगी के लिए मौत स्वाभाविक हैं, लेकिन ऐसी मौत जो किसी को अस्वाभाविक रूप से अकाल अपने साथ ले जाए, उसके बारे में क्या कह सकते हैं सिवाय दुख व्यक्त करने के। ऐसी मौतें निश्चित रूप से सिर्फ शोक, दुख और मातम ही पसार जाती हैं, जिसे लोग नियति मानकर सब कुछ ईश्वर के भरोसे छोड़ देते हैं। बांका जिले की स्थिति इन दिनों बहुत कुछ इसी तरह की बनी हुई है।
बांका जिले में इधर कुछ रोज से एक के बाद एक लगातार अस्वाभाविक मौतें हो रही हैं। इन मौतों के पीछे यद्यपि बीमारी, एक्सीडेंट और अपराध शामिल हैं, लेकिन कुल मिलाकर इन मौतों ने बांका जिले में शोक, दुख और मातम का जो माहौल पैदा किया है, उससे लोग उबर नहीं पा रहे।
जानकारी के अनुसार बांका जिले में पिछले 3 दिनों के भीतर आधे दर्जन से ज्यादा ऐसी मौतें रिकॉर्ड की गयीं। ताजा जानकारी के अनुसार सोमवार को बौंसी थाना क्षेत्र के महुआबरन के पास स्थित तालाब के निकट एक युवक की लाश बरामद हुई। यह लाश इसी गांव के अरविंद दास की बताई गई। अरविंद की मृत्यु कैसे हुई, अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
बौंसी थाना क्षेत्र अंतर्गत सोमवार को ही भागलपुर- दुमका मुख्य मार्ग पर पाठकटोला के समीप ट्रक की चपेट में आने से एक व्यक्ति की कुचल कर मौत हो गई। मृतक का नाम अंबिका भगत बताया गया जो एक साइकिल की दुकान चलाते थे। वह इसी प्रखंड के नयागांव निवासी थे।
इसी दिन बांका सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत बेहरा पंचायत के बेहराडीह बैहियार से एक अज्ञात व्यक्ति की लाश बरामद की गई। लाश को सबसे पहले चरवाहों ने देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। मृतक की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। समझा जा रहा है कि यह शायद हत्या का मामला है। कहीं बाहर हत्या कर लाश को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से इधर फेंक दिया गया।
बहरहाल, ये तो कुछ उदाहरण हैं। जिले में बीमारियों से लेकर दुर्घटनाओं और अपराध के शिकार लोगों की अकाल मौत का सिलसिला जारी है। इन हादसों की वजह से जिले भर में संशय और दहशत का आलम है। लोग घरों से निकलने से पहले ईश्वर से प्रार्थना कर जाते हैं कि वे सलामत लौट आएं। घर वालों की भी चिंता तब तक कायम रहती है, जब तक कि वे सलामत वापस लौट कर नहीं आ जाते।