बांका लाइव (चुनाव डेस्क) : वजह चाहे जो हो, बांका की राजनीति के दो दिग्गज इस बार जिले की चुनावी फिजा से अनुपस्थित हैं। अर्से बाद ऐसा हो रहा है जब बांका जिले में विधानसभा के चुनाव पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव एवं पुतुल सिंह की गैरमौजूदगी का एहसास करा रहे हैं। इन दोनों ही राजनीतिक दिग्गज पूर्व सांसदों की गैरमौजूदगी ने इस बार बांका जिले की चुनावी रंगत फीकी कर रखी है।
वैसे बांका के वर्तमान सांसद गिरधारी यादव इस चुनावी माहौल में अपनी मौजूदगी और सक्रियता का एहसास दिलाने के प्रयास में जुटे हैं। हालांकि उनकी इस मौजूदगी और सक्रियता के पीछे राजनीतिक प्रेक्षक कुछ और भी ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इसके पीछे वजह भी है!
बहरहाल, बांका के दोनों पूर्व सांसदों जयप्रकाश नारायण यादव और पुतुल कुमारी सिंह इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान बांका जिले में सक्रिय नहीं के बराबर हैं। बल्कि साफ शब्दों में कहें तो इस बार यहां उनकी गैरमौजूदगी में ही विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जयप्रकाश नारायण यादव जहां मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में बने हुए हैं, वहीं पुतुल सिंह जमुई जिले के जमुई विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं।
इसकी वजह है कि तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जहां जयप्रकाश नारायण यादव की ज्येष्ठ पुत्री दिव्य प्रकाश यादव राजद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं, वहीं पूर्व सांसद पुतुल सिंह की कनिष्ठ पुत्री श्रेयसी सिंह जमुई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। लिहाजा दोनों पूर्व सांसदों और बांका के राजनीतिक दिग्गजों जयप्रकाश नारायण यादव एवं पुतुल सिंह ने अपनी अपनी बेटियों के चुनाव प्रचार के लिए क्रमशः तारापुर एवं जमुई विधानसभा क्षेत्रों में कैंप कर रखा है।
अपनी अपनी पुत्री के चुनाव प्रचार अभियान को लेकर राजनीतिक व्यस्तता के चलते जिले के दोनों पूर्व सांसदों का कनेक्शन बांका जिले के विधानसभा क्षेत्रों से फिलहाल कटा हुआ सा प्रतीत हो रहा है। हालांकि दोनों नेता ऐसा नहीं मानते। उनके मुताबिक वे बांका जिले में भी सक्रिय हैं लेकिन….! जाहिर सी बात है, बताने की जरूरत नहीं!
इधर बांका के वर्तमान सांसद गिरधारी यादव विधानसभा चुनावों के दौरान जिले में अपनी मौजूदगी और सक्रियता का एहसास दिलाने के प्रयास में जुटे हैं। उनके दौरे की खबर सोशल मीडिया पर इन दिनों सुर्खियों में होती है। हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर सांसद की सक्रियता, मौजूदगी और क्षेत्र में हो रहे दौरे को लेकर राजनीतिक प्रेक्षक कुछ अलग अर्थ भी ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक इसकी कुछ प्रच्छन्न वजह भी है।