राजमहल परियोजना : चाल धंसने से फिर हुई एक युवती की मौत..
घटना को लेकर पुलिस को दिए बयान में लड़की के नाना रामेश्वर लोहार ने कहा कि घटना वाले दिन पूनम घर पर अकेली थी. कई दिनों से गांव में पानी की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे हैं. दो में से एक बोरवेल फंस गया है. पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. घटना के दिन लाइन नहीं रहने यह कारण पानी घर में नहीं था तो वह खदान में पानी से मुंह धोने उतरी. तभी चाल के ऊपर से मिट्टी का धंसना गिरा और वह उसमें दब गई. सर और सीने में उसे गहरी चोट लगी जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. रामेश्वर लोहार के बयान पर इस मामले में लालमटिया थाना में ईसीएल प्रबंधन के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज किया गया है. थाना प्रभारी मनोहर करमाली के अनुसार जहां पर घटना हुई है वहां किसी भी तरह की चेतावनी का बोर्ड व गाइडलाइन नहीं है. प्रबंधन की लापरवाही साफ़ झलकती है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व लालघुटवा साइड में चाल धंसने से कई लोग घायल हुए थे एवं एक युवती की मौत हो गई थी. इधर 6 दिन पूर्व भी बौड़ाई साइड में चाल धंसने का घटना हो चुकी है. सबसे बड़ा हादसा 29 दिसंबर 2016 को हुआ था जिसमें जांच में प्रबंधन की लापरवाही व सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं करने की बात उजागर हुई थी. इसे लेकर खान निदेशक और प्रबंधन पर मामला दर्ज किया गया था. बावजूद प्रबंधन गड्ढे को भरने को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है.