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BSEB : इंटरमीडिएट के रिजल्ट से छात्र-छात्राओं में घोर निराशा, अभिभावक भी बेचैन

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बांका LIVE डेस्क : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी इंटरमीडिएट के रिजल्ट से जिले के छात्र-छात्राओं में घोर निराशा कायम है. अभिभावक भी बेचैन हैं. परीक्षा में विफल रहे छात्र छात्राओं ने कहा है कि सरकार और समिति ने उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. परीक्षा परिणाम ने जिले में छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों के बीच विचित्र निराशाजनक स्थिति पैदा कर दी है. अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे इस बार की परीक्षा के परिणामों से ना घर के और ना ही घाट के रह गए हैं. जिले में इंटरमीडिएट साइंस के सिर्फ 19 प्रतिशत जबकि आर्ट्स के सिर्फ 36% छात्र-छात्राएं सफल हो पाए हैं. कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र-छात्राओं की स्थिति बेहतर है. जिले में कॉमर्स के करीब 64% छात्र छात्राओं को इंटरमीडिएट में सफलता मिली है.

दरअसल परीक्षा परिणामों को लेकर इस बार इंटरमीडिएट के छात्र छात्राएं पहले से सशंकित थे. लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि रिजल्ट इतना भी खराब हो सकता है. रिजल्ट निकलने के बाद से ही जिले के छात्र छात्राएं परेशान हैं. आगे की पढ़ाई के लिए किसी अच्छे शिक्षण संस्थान में दाखिले की उनकी उम्मीदें टूट रही हैं. कुछेक छात्र छात्राओं के ही रिजल्ट अच्छे हो सके हैं. जिनके रिजल्ट अच्छे माने जा रहे हैं वे भी अन्य सालों के अनुपातिक रूप में बेहतर नहीं हैं. किसी अच्छे शिक्षण संस्थान में उनके दाखिले की गुंजाइश काफी कम बन रही है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जहां इस बार इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों का भविष्य खराब करने की कोशिश की है, वहीं सीबीएसई और आईसीएसई के रिजल्ट शानदार रहे हैं. ऐसे में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से पास इंटर छात्र छात्राओं को नामांकन में प्राथमिकता मिलने की उम्मीद नहीं के बराबर है.

इधर परीक्षा परिणाम की स्थिति यह है कि बांका जिले में इस बार तीनों संकायों के कुल 23893 छात्र-छात्राओं ने इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी. इंटरमीडिएट साइंस के 12544 परीक्षार्थी इस बार परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें सिर्फ 2373 पास हो सके. प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्र छात्राओं की संख्या सिर्फ 470 रही. 10166 परीक्षार्थी फेल हो गए. वहीं इंटरमीडिएट कला संकाय में 10516 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिनमें सिर्फ 4139 पास हो सके. प्रथम श्रेणी में पास होने वालों की संख्या सिर्फ 399 रही. इंटरमीडिएट कॉमर्स ने थोड़ी प्रतिष्ठा बचाई. कुल 442 परीक्षार्थी वाणिज्य संकाय से शामिल हुए थे. इनमें 290 पास हो सके. प्रथम श्रेणी में 45 परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की. 


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