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सिविल सर्विसेज- 2016 : एक बार फिर से बजा है बांका जिले का डंका

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बांका जिले ने इस बार देश को दिए तीन आईएएस
बांका LIVE डेस्क : सिविल सर्विसेज- 2016 की परीक्षा में एक बार फिर से बांका जिले का डंका बजा है. बांका जिले के तीन होनहार सपूतों ने इस परीक्षा में सफलता अर्जित कर देश की इस सबसे बड़ी सेवा परीक्षा के माध्यम से बांका जिले को राष्ट्रीय प्रशासनिक फलक पर स्थापित किया है. इस वर्ष यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले बांका जिले के होनहार सपूतों में बांका सदर प्रखंड के सादपुर गांव निवासी कुमार गौरव (134वां रैंक), बौंसी प्रखंड के कुशमाहा गांव निवासी बमबम यादव (949वां रैंक) तथा इसी प्रखंड के बाबूडीह गांव निवासी विनोद कुमार (819वां रैंक) शामिल हैं.

सम्मानजनक 134वें रैंक के साथ सिविल सर्विसेज परीक्षा पास करने वाले सादपुर गांव निवासी कुमार गौरव ने मैट्रिक तथा इंटर की पढ़ाई बोकारो के डीपीएस से पूरी की है. इसके बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. वर्तमान में वह मुंबई के एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं. गौरव के पिता अवध किशोर सिंह बोकारो के आर एस कॉलेज में प्रोफेसर हैं जबकि मां रंजना देवी गृहिणी हैं. सिविल सर्विसेज में मिली सफलता के बाद गौरव ने कहा कि यह सफलता उनके माता-पिता का आशीर्वाद है. उन्होंने कहा यदि उन्हें बिहार कैडर मिलता है तो वह बांका जिले का विकास करेंगे.

949वें रैंक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले कुशमाहा, बौंसी निवासी बमबम यादव के पिता हरि किशोर यादव एक लघु किसान हैं. बमबम की तकरीबन पूरी शिक्षा-दीक्षा बांका के ग्रामीण परिवेश में हुई. अपने गांव के समीप जबड़ा हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने बांका स्थित पीवीएस कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. तत्पश्चात उन्होंने भागलपुर स्थित TNB कॉलेज से स्नातक की परीक्षा पास की तथा वहीं भागलपुर यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एम ए की पढ़ाई पूरी की. खास बात है कि अपने एकेडेमिक करियर में बमबम एक औसत दर्जे के विद्यार्थी रहे. वह स्वयं कहते हैं कि मैट्रिक की परीक्षा में उन्हें सिर्फ 49 प्रतिशत अंक प्राप्त हो सके थे. अंग्रेजी में तो उन्हें सिर्फ 15  अंक मिले थे. इस कमजोरी को उन्होंने अपनी ताकत बनाया. आगे चलकर उन्होंने अंग्रेजी को अपना चॉइस सब्जेक्ट बना लिया और इसी विषय से उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की. उन्होंने हैदराबाद स्थित इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी से B.Ed की डिग्री हासिल की. फिलहाल वह बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया इलाहाबाद में जूनियर ट्रांसलेटर के तौर पर कार्यरत हैं.

819वें रैंक के साथ सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करने वाले बाबूडीह, बौंसी के विनोद कुमार भी एक साधारण परिवार से हैं. उनके पिता अशोक कुमार एक साधारण किराना दुकानदार हैं और उनकी मां रेणु देवी गृहिणी. विनोद कुमार की पढ़ाई मंदार स्थित अद्वैत मिशन स्कूल से हुई जहां से उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की. विनोद ने रांची से बीटेक किया और फिर सहायक कमिश्नर PF के पद के लिए चुने गए. वह फिलहाल बंगलुरु में पदस्थापित हैं.


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